वसीम जाफर: ऐसा बल्लेबाज जो घरेलू क्रिकेट का सर डॉन ब्रेडमैन है

भारत में क्रिकेट को एक धर्म के तौर पर माना जाता है। क्रिकेट और क्रिकेटर्स को लेकर यहां हमेशा अलग ही माहौल रहता है। इसी के चलते देश में क्रिकेट सबसे लोकप्रिय खेल भी है। ऐसे तमाम खिलाड़ी हैं जिन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन कर इस खेल में भारत और खुद का नाम रोशन किया है। सचिन तेंदुलकर, महेन्द्र सिंह धौनी, सौरव गांगुली, सुनील गावस्वर, कपिल देव, विराट कोहली जैसे अनेक नाम है, जिन्हें देश की जनता का प्यार मिलता रहा है, लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी है, जिसने इस खेल के सबसे लोकप्रिय फार्मेट्स टेस्ट, वनडे और टी-20 के बजाय घरेलू क्रिकेट में नाम कमाया है। इस खिलाड़ी का नाम वसीम जाफर है। 42 साल का यह खिलाड़ी आज भी घरेलू क्रिकेट में एक के बाद एक नया कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है।
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दाएं हाथ के कमाल के बल्लेबाज
दायें हाथ के इस सलामी बल्लेबाज का जन्म 16 फरवरी 1978 को मुंबई में हुआ था। वह कभी-कभी दायें हाथ से ऑफ़ ब्रेक गेंदबाजी भी कर लेते हैं। वसीम रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन चुके हैं। वह इन दिनों विदर्भ की ओर से क्रिकेट खेल रहे हैं। वह मुंबई की तरफ से भी लंबे समय तक खेल चुके हैं। भारत के प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में उनके रिकॉर्ड्स किसी और के लिए बनाना संभव नहीं लग रहा है। वसीम अपने कॅरियर में 10 रणजी ट्रॉफी जीतने वाले पहले बल्लेबाज हैं।

यह रिकॉर्ड्स तोड़ पाना दूसरों के लिए मुश्किल
वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में तमाम रिकॉर्ड्स अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने रणजी में इस साल की शुरुआत तक सबसे ज्यादा 146 मैच खेलने का रिकॉर्ड बना दिया है। साथ ही वह 11400 से ज्यादा रन बना चुके हैं। जिसमें 39 शतक शामिल हैं। वह सबसे ज्यादा 84 बार पचास से ज्यादा रन बना चुके हैं और 191 कैच ले चुके हैं। वसीम ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में 03 बड़ी पारियां खेलकर सभी का ध्यान खींचा था।
उन्होंने नवंबर 2018 में बड़ौदा के खिलाफ 153 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद दिसंबर 2018 में आठ दिन के अंदर 02 बड़े शतक जड़ डाले। उन्होंने पहले गुजरात के खिलाफ 126 रनों की पारी खेली और फिर मुंबई के खिलाफ 178 रनों की पारी खेल डाली। 2018 के मार्च में विदर्भ की तरफ से खेलते हुए रेस्ट ऑफ इंडिया टीम के खिलाफ वो दोहरा शतक जड़ते हुए 286 रनों की पारी खेल चुके हैं।
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04 बार 300 से ज्यादा रनों की साझेदारी
वसीम जाफर रणजी ट्रॉफी में 04 बार 300 से ज्यादा रनों की साझेदारी कर चुके हैं। ऐसा कर वह बल्लेबाज विजय हजारे के रिकॉर्ड की भी बराबरी कर चुके हैं। वसीम जाफर के बाद रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अमोल मजूमदार का है, जो इस फॉर्मेट में 9202 रन बना चुके हैं। वहीं मध्य प्रदेश के देवेंद्र बुंदेला तीसरे नंबर पर हैं, जिन्होंने 9201 रन बनाए हैं।
दूसरी बार लगातार विदर्भ को दिलाई ट्रॉफी
इस साल उनके जबरदस्त खेल की बदौलत विदर्भ ने सौराष्ट्र को 78 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार रणजी ट्रोफी पर कब्जा किया था। विदर्भ के सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर की यह 10वीं रणजी ट्रॉफी खिताब था। वह 10 या उससे ज्यादा रणजी खिताब जीतने वाले पांचवें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। मुंबई के अशोक माकंड सबसे ज्यादा 12 बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। अभी वसीम विदर्भ को तीसरी ट्रॉफी दिलाना चाहते हैं।
वसीम जाफर का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में रिकॉर्ड
इस कमाल के बल्लेबाज को भारतीय क्रिकेट टीम में मौका तो मिला लेकिन वह कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। इसलिए वसीम ज्यादा समय तक टीम में नहीं टिक सके। वसीम के रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने 31 टेस्ट मैचों की 58 पारियों में 34.10 की औसत से भारत के लिए 1944 रन बनाए है। इसमें उनके 05 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम में डेब्यू किया था।
वसीम ने 02 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने इसमें सिर्फ 10 रन बनाए हैं। वसीम 2008 में टीम से बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए फिर भी वह राष्ट्रीय टीम में वापसी नहीं कर सके। जाफर घरेलू क्रिकेट में 15 हजार से अधिक रन बनाने वाले रणजी ट्रॉफी इतिहास के सबसे सफल बल्लेबाज बन चुके हैं। वसीम ने प्रथम श्रेणी के 253 मैचों की 412 पारियों में 19147 रन बनाए हैं। जिसमें उनका औसत 51.19 का रहा है। इस दौरान उन्होंने 314 रनों की नाबाद पारी भी खेली थी। उनके नाम प्रथम श्रेणी में 57 शतक और 88 अर्धशतक दर्ज हैं।
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कठिनाइयों में बीता बचपन
वसीम जाफर का बचपन बेहद कठिनाइयों में बीता था। उनके पिता मुंबई में बस ड्राइवर थे। चार भाइयों में वसीम बचपन से ही बेहतरीन क्रिकेट खेलते थे। क्रिकेट का जुनून बचपन से ही था। उनके पिता के लिए महंगा क्रिकेट का सामान लाना बेहद मुश्किल होता था। वसीम की प्रतिभा के बारे में उनके कोच बचपन से ही जान गए थे। तमाम कठिनाइयों के बावजूद वसीम क्रिकेट को लेकर डटे रहे। एक दिन 15 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में 400 रनों की पारी खेलकर सभी का ध्यान खींचा था। जब उनका चुनाव रणजी ट्रॉफी के लिए हुआ तो उसके दूसरे मैच में भी उन्होंने जबरदस्त पारी खेलकर चयनकर्ताओं को खुश कर दिया।
रणजी ट्रॉफी में वसीम के साथ टीम का रिकॉर्ड
मुंबई की टीम
1996-97- जीत
1999-00- जीत
2002-03- जीत
2003-04- जीत
2006-07- जीत
2008-09- जीत
2009-10- जीत
2012-13- जीत
विदर्भ की टीम
2017-18- जीत
2018-19- जीत
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