आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा फाइनल खेलने वाले खिलाड़ी बने धोनी

देश भर में आईपीएल का बुखार अपने चरम पर है। मैच दर मैच नए रिकॉर्ड बनने और पुराने रिकॉर्डों के टूटने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में टीम इंडिया के सबसे सफलतम कप्तान रहे महेंद्र सिहं धोनी के नाम भी एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।
मौजूदा आईपीएल के फाइनल में पुणे सुपरजाइंट के पहुंचते ही धोनी सबसे अधिक बार फाइनल में पहुंचने वाले प्लेयर बन गए हैं। इससे पहले पिछले 6 सीजन के फाइनल में धोनी बतौर कप्तान पहुंचे हैं। धोनी 7वीं बार आईपीएल का फाइनल मैच खेलेंगे।
पहले आईपीएल का खिताब भी धोनी की टीम के नाम रहा
2008 में धोनी ने बतौर कप्तान चेन्नई सुपरकिंग्स को फाइनल में पहुंचाया था। यहां टीम पहले खिताब के लिए राजस्थान रॉयल्स से भिड़ी थी। चेन्नई ने पहले बैटिंग करते हुए राजस्थान को 164 रन का टारगेट दिया था। धोनी 17 बॉल पर 29 रन बनाकर नॉटआउट रहे। हालांकि जवाब में उतरी राजस्थान ने 3 विकेट से ये मैच जीत लिया था।
2010 में धोनी की कप्तानी में दूसरी बार चेन्नई आईपीएल के फाइनल में पहुंची थी। यहां उसका मुकाबला मुंबई इंडियन्स से हुआ। चेन्नई ने पहले बैटिंग करते हुए मुंबई को 169 रन का टारगेट दिया था। इसमें धोनी ने 15 बॉल पर 22 रन बनाए थे। जवाब में मुंबई 146 रन ही बना सकी। चेन्नई ने ये मैच और अपना पहला आईपीएल खिताब 22 रन से जीता था।
2011 में चेन्नई का फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से मुकाबला हुआ। चेन्नई ने पहले बैटिंग करते हुए बेंगलुरु को 206 रन का मजबूत लक्ष्य दिया था। इस मैच में भी धोनी ने 13 बॉल पर 22 रन की धुआंधार इनिंग खेली थी। ये मैच बेंगलुरु 58 रन से हार गई थी।
जब फाइनल में हार गई धोनी की टीम
2012 में चेन्नई लगातार तीसरी बार आईपीएल फाइनल में पहुंची। यहां उसका मुकाबला कोलकाता नाइटराइडर्स से हुआ। चेन्नई ने पहले बैटिंग करते हुए इस मैच में 190 रन बनाए थे। अंतिम ओवरों में बैटिंग करने आए धोनी ने 9 बॉल पर 14 रन बनाए थे। जवाब में उतरी कोलकाता नाइटराइडर्स ने 5 विकेट से ये मैच जीतकर चेन्नई को जीत की हैट्रिक लगाने से रोक दिया।
2013 में टीम को लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंचाने वाले कप्तान बने धोनी
धोनी की कप्तानी का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने लगातार चौथी बार चेन्नई को फाइनल में पहुंचाया। 2013 के फाइनल में मुंबई इंडयिन्स ने पहले बैटिंग करते हुए चेन्नई को 149 रन का टारगेट दिया था। जवाब में उतरी चेन्नई की ओर से धोनी ने 45 बॉल पर नॉटआउट 63 रन की धुआंधार इनिंग खेली, जिसके बाद भी टीम 23 रन से हार गई।
2015 के फाइनल में हार गई थी चेन्नई
2015 के फाइनल में चेन्नई का मुकाबला एक बार फिर मुंबई इंडियन्स से हुआ। मुंबई ने पहले बैटिंग करते हुए चेन्नई को 203 रन बड़ा टारगेट दिया। टारगेट का पीछा करने उतरी चेन्नई ये मैच 41 रन से हार गई। इस मैच में धोनी ने 13 बॉल पर 18 रन बनाए थे।
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