किसान के बेटे ने भारत को दिलाया चौथा पदक, 18 साल की उम्र में जीता कांस्य

ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के वेटलिफ्टरों का बेहतर प्रदर्शन जारी है। अपने बेहतर खेल की वजह से भारत के चार वेटलिफ्टर अब चार पदक भारत को दिला चुके हैं। 18 साल के युवा वेटलिफ्टर दीपक लाठर ने पुरूषों के 69 किलो की प्रतियोगिता में भारत को कांस्य पदक दिलाया।
भारत की ओर से कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना डेब्यू करने वाले हरियाणा निवासी दीपक दीपक लाठर ने पदक जीतकर अपने करियर की शानदार शुरूआत की है। दीपक लाठर ने 2 साल पहले कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में पर्दापण किया था। दीपक के कुल 295 किलोग्राम (136 स्नैच और 159 किलोग्राम क्लीन ऐंड जर्क) उठाया। लाठेर ने स्नैच राउंड में पहले दो प्रयासों में क्रमशः 132 किलो और 136 किलोग्राम का वजन उठाया। हालांकि इसके बाद वो तीसरे राउंड में 138 किलो का वजन उठाने में कामयाब नहीं हो पाये। इसके बाद दीपक ने क्लीन एंड जर्क राउंड में पहले 155 और फिर 159 किलो वजन उठाया।
यहां भी दीपक को तीसरे राउंड में 160 किलो का वजन उठाने में कामयाबी नहीं मिल पायी। जिसके चलते वो गोल्ड या सिल्वर मेडल के दावेदार नहीं बन सके। इस स्पर्धा का स्वर्ण वेल्स के गेरेथ ईवांस(299 किग्रा) और रजत श्रीलंका के इंदिका दिशानायके(297 किग्रा) के नाम रहा। उनके करीबी प्रतिद्वंदी वैपावा लोअने अंतिम दो भार नहीं उठा सके जिससे उनका कुल भार 292 किग्रा ही रह गया।
खेतों में फावड़ा चलाते समय पिता ने परखी थी ताकत

हरियाणा में जींद जिले के शादीपुरा के रहने वाले दीपक लाठर के पिता ने सबसे पहले उनकी ताकत का एहसास किया था। इसके बाद फिर दीपक का रूख 9 साल की उम्र में ही वेटलिफ्टिंग की और मोड़ दिया गया और उनका प्रशिक्षण भी शुरू हुआ। एक बार वे अपने पिता के साथ खेत में फावड़ा चला रहे थे तभी उनके पिता बिजेंदर ने जब दीपक को फावड़ा चलाते देखा तो उन्हें उनकी ताकत का अहसास हुआ। दीपक ने अपनी प्रतिभा का लोहा 2008 में ट्रायल के दौरान ही मनवा दिया था। उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनाया।
उनके पिता बिजेंद्र ने बताया कि दीपक वर्ष 2009-10 में गांव में पांचवीं कक्षा पास करने के बाद उसका आर्मी स्पोर्टस इंस्टीट़्यूट पूना में सेलेक्शन हो गया। जब वह पूना पहुंचा और विदेश कोच जार्ज गुबला ने उनका मेडिकल फिटनेस टेस्ट लिया उन्होंने दीपक को वेटलिफ्टिंग गेम्स अपनाने की सलाह दी। कोच ने इस दौरान दीपक से कहा था कि यदि वह मेहनत के साथ प्रैक्टिस करेगा तो एक दिन बड़ा वेटलिफ्टर बनेगा। दीपक का चयन सेना में एक ड्राइवर के रूप में हो गया है।
15 साल की उम्र में चैंपियन

दीपक लाठर के नाम सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ियों में भी शामिल है। उन्होंने 2016 में 15 साल की उम्र में 62 किग्रा वर्ग में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने 267 किलोग्राम का भार उठाकर सबसे युवा चैंपियन बने। इससे पहले 2015 में उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के यूथ (अंडर-17) 62 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद एशियन यूथ चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले भारत के सबसे युवा वेटलिफ्टर बन गए।
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