क्रिकेट का खेल हमारी संस्कृति में इतना गहरा हो गया है कि कई लोगों के लिए इसे एक धर्म की तरह मानते हैं। सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे क्रिकेटर्स देशवासियों के बीच लगभग सुपर हीरो जैसे हो गए हैं। क्या आप जानते हैं कि क्रिकेट की शुरुआत कैसे हुई थी और भारत में इसने अपनी पहुंच कैसे बनाई? अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, हम बताएंगे आपको क्रिकेट का पूरा इतिहास…
क्रिकेट की शुरुआत
ऐसा माना जाता है कि क्रिकेट का आविष्कार सक्सोन या नॉर्मन समय के दौरान वेल्ड में रहने वाले बच्चों ने किया था। यह दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में घने जंगलों वाली जगह है। युवाओं के क्रिकेट की शुरुआत 1611 से मानी जाती है। उसी साल एक डिक्शनरी में क्रिकेट को लड़कों के खेल के रूप में परिभाषित किया गया था। कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि तब लोग गेंद से खेलते होंगे और कुछ लोग बैट जैसी किसी चीज़ से गेंद को रोकने की कोशिश करते होंगे, शायद यहीं से क्रिकेट की शुरुआत हुई होगी।
17वीं शताब्दी के मध्य तक ग्रामीण क्रिकेट का विकास हो चुका था। शताब्दी के सेकंड हाफ में पहली अंग्रेजी “काउंटी टीम” का गठन किया गया था। इसमें जो लोग ग्रामीण क्रिकेट अच्छे से खेल लेते थे उन्हें शामिल किया गया था। काउंटी नामों का पहला इस्तेमाल 1709 में हुए खेल के दौरान किया गया था।
18वीं शताब्दी की शुरुआत में क्रिकेट ने खुद को लंदन और इंग्लैंड के दक्षिण-पूर्वी काउंटी में एक प्रमुख खेल के रूप में स्थापित कर लिया था। धीरे-धीरे यह इंग्लैंड के बाकी हिस्सों में भी मशहूर हो गया। और 1745 से महिला क्रिकेट की शुरुआत भी हो गयी। इनका पहला खेल सरे में खेला गया था। 1744 में, क्रिकेट में पहली बार कुछ नियमों को जोड़ा गया और 1774 में इनमें कुछ संशोधन करके एलबीडब्ल्यू, थर्ड स्टंप, मिडल स्टंप और मैक्सिमम बैट विड्थ जैसे शब्द जोड़े गए। ये कोड “स्टार एंड गार्टर क्लब” ने तैयार किये थे, जिसके सदस्यों ने 1787 में लॉर्ड्स में मशहूर मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी की स्थापना की थी। एमसीसी तबसे इन नियमों का संरक्षक बन गया और आज भी इनमें संशोधन कर रहा है।
1760 के कुछ समय बाद जब गेंदबाजों ने गेंद को पिच करना शुरू किया। इसके जवाब में सीधे बल्ले को पुराने “हॉकी-स्टिक” शैली के बल्ले से बदल दिया गया। एमसीसी के गठन और 1787 में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड के खुलने तक लगभग तीस वर्षों तक हैम्पशायर में हैम्बल्डन क्लब खेल का सेंटर पॉइंट था। 17वीं शताब्दी की शुरुआत में अंग्रेजी उपनिवेशों के माध्यम से क्रिकेट को उत्तरी अमेरिका में लाया गया, और 18वीं शताब्दी में यह दुनिया के बाकी हिस्सों में पहुंचा। वेस्ट इंडीज में इसे उपनिवेशवादी और भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नाविकों ने इंट्रोड्यूस किया। 1788 में औपनिवेशीकरण शुरू होते ही यह ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया और 19वीं शताब्दी के शुरुआती वर्षों में यह खेल न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका पहुंच गया।
भारत में कैसे हुई क्रिकेट की शुरुआत
1721 में खेले गए पहले क्रिकेट मैच के साथ ब्रिटिश 1700 के दशक की शुरुआत में भारत में क्रिकेट लेकर आए। 1792 में, दुनिया का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट क्लब कलकत्ता में स्थापित किया गया था। कलकत्ता क्रिकेट क्लब ने अपनी टीम और ओल्ड ईटोनियन के बीच एक खेल का आयोजन किया, जिसमें ओल्ड ईटोनियन रॉबर्ट वैनसिटार्ट ने भारतीय धरती पर ‘फर्स्ट रिकॉर्डेड सेंचुरी’ दर्ज की।
जल्द ही इसमें हिन्दू, सिख जैसे दूसरे समुदाय भी शामिल हो गए किया। पारसियों ने 1886 में इंग्लैंड का दौरा शुरू किया। 1886 में एक फ्लॉप शो के बाद, टीम ने 1888 के दौरे में अपना कमाल दिखाया। 31 मैचों में से पारसियों ने 8 जीते, 11 हारे और 12 मैच ड्रॉ रहे।
1900 की शुरुआत में, कुछ भारतीय इंग्लैंड क्रिकेट टीम के लिए खेलने गए। इनमें से रंजीतसिंहजी और केएस दलीपसिंहजी की अंग्रेजों ने बहुत तारीफ की। उनके नाम भारत में दो प्रमुख प्रथम श्रेणी के टूर्नामेंट
रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी के लिए इस्तेमाल किए गए। । 1911 में, पटियाला के भूपिंदर सिंह की कप्तानी वाली एक भारतीय टीम, ब्रिटिश द्वीप समूह के अपने पहले आधिकारिक दौरे पर गई, लेकिन केवल इंग्लिश काउंटी टीमों से खेली, न कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम से।
1928 में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई की स्थापना की गई थी। इसके बाद पूरे भारत में एक संगठित संरचना की स्थापना की गई। बीसीसीआई अब रणजी ट्रॉफी, ईरानी कप और दलीप ट्रॉफी (प्रथम श्रेणी क्रिकेट), विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी (लिस्ट ए क्रिकेट) और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी20) का आयोजन करता है।
पहला टेस्ट मैच – 1932
1926 में भारत को शाही क्रिकेट परिषद में आमंत्रित किया गया था। भारतीय टीम ने 1932 में सीके नायडू के नेतृत्व में इंग्लैंड में पहला टेस्ट मैच खेला। इंग्लैंड और भारत के बीच एकमात्र टेस्ट मैच लंदन के लॉर्ड्स मैदान में खेला गया था। भारत यह मैच 158 रन से हार गया था।
1933 में भारत ने अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला की मेजबानी की। एक स्वतंत्र देश के रूप में टीम की पहली श्रृंखला 1947 के आखिर में हुई थी जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थी। भारत ने 1952 में मद्रास में इंग्लैंड के खिलाफ 24वें मैच में अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की।
बाद में, उसी वर्ष उन्होंने अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती जो पाकिस्तान के खिलाफ थी। भारत ने 1961-62 में घर में इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीती और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला जीती। भारत ने 1967-68 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उपमहाद्वीप के बाहर अपनी पहली श्रृंखला भी जीती।
पहला एक दिवसीय और आईसीसी विश्व कप 1974- 1983
1974 में भारत द्वारा इंग्लैंड के खिलाफ पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) खेला गया था। भारतीय टीम ने वनडे में एक कमजोर टीम के रूप में शुरुआत की और विश्व कप के पहले दो संस्करणों में दूसरे दौर के लिए क्वालीफाई नहीं किया।
1980 के दशक के दौरान भारत ने मोहम्मद अज़हरुद्दीन, दिलीप वेंगसरकर, हरफनमौला कपिल देव और, रवि शास्त्री जैसे स्ट्रोकेर्स के साथ अधिक आक्रामक बल्लेबाजी लाइन-अप विकसित किया। 1983 में भारत ने लॉर्ड्स में फाइनल में वेस्ट इंडीज को हराकर अपना पहला विश्व कप जीता और इस जीत ने भारत में क्रिकेट के इतिहास को बदल दिया। 1984 में भारत ने एशिया कप जीता और 1985 में ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट की विश्व चैम्पियनशिप जीती।