भारत का एक और पदक पक्का हुआ

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी मनीषा रामदास ने पैरालंपिक खेलों में एसयू5 वर्ग में महिलाओं के एकल सेमीफाइनल में जगह बनाई। उनका सामना हमवतन तुलसीमति मुरुगेसन से होगा, इससे भारत का इस स्पर्धा में पदक पक्का हो गया है। इसके अलावा एसएल4 वर्ग में पुरुष एकल सेमीफाइनल में दो भारतीय खिलाड़ी सुहास यतिराज और सुकांत कदम आमने-सामने होंगे। इस तरह से इन दोनों ने बैडमिंटन में भारत का पहला पदक पक्का किया था।

मनीषा के दाएं हाथ में जन्म से ही विकार था। हालांकि इस 19 वर्षीय खिलाड़ी को क्वार्टर फाइनल मे जापान की मामिको टोयोडा को 21-13, 21-16 से हराने में कोई परेशानी नहीं हुई। दूसरी वरीय भारतीय ने गैरवरीय प्रतिद्वंदी को बाहर का रास्ता दिखाया। अंतिम चार में मनीषा का मुकाबला शीर्ष वरीय तुलसीमति से होगा जिन्होंने ग्रुप ए में पुर्तगाल की बीट्रिज़ मोंटेइरो को शिकस्त दी थी।

इससे पहले मनदीप कौर और पलक कोहली क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रहीं। एसएल3 वर्ग में खेल रहीं मनदीप नाइजीरिया की तीसरी वरीयता प्राप्त बोलाजी मरियम एनियोला के सामने चुनौती पेश नहीं कर पाईं और 23 मिनट में 8-21, 9-21 से मुकाबला हार गई। मनदीप की एनियोला के खिलाफ यह लगातार दूसरी हार है।

पैरा विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता पलक एसएल4 वर्ग में इंडोनेशिया की खलीमातुस साहियाह से 19-21, 15-21 से हार गईं। नित्या सिवन सुमति एसएच6 श्रेणी के क्वार्टर फाइनल में चुनौती पेश करेंगी। एसएल3 वर्ग के पुरुष एकल सेमीफाइनल में नितेश कुमार का मुकाबला जापान के डाइसुके फुजिहारा से होगा।

भारतीय शूटर अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों की मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा में रविवार को 11वें जबकि सिद्धार्थ बाबू 28वें स्थान पर रहे। इस तरह वे फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच2 क्वालीफिकेशन में श्रीहर्ष देवरड्डी रामकृष्ण 630.2 के कुल स्कोर के साथ 26वें स्थान पर रहे। एसएच1 में खिलाड़ी बिना मुश्किल के बंदूक पकड़ सकते हैं तथा खड़े होकर या बैठकर निशाना लगा सकते हैं। अवनि 10 मीर एयर राइफल स्टैंडिंग को नहीं दोहरा पाईं। वह 628.8 अंक के स्कोर से फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं।

एशियाई पैरा खेलों की रजत पदक विजेता नारायण कोंगनापल्ले और अनीता की जोड़ी रविवार को पैरिस पैरालंपिक की पीआर3 मिश्रित युगल स्कल्स नौकायन में आठवें स्थान पर रही। पैरालंपिक में पदार्पण कर रही यह जोड़ी अपने रेपेचेज स्पर्धा के फाइनल बी में आठ मिनट 16.96 सेकेंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रही। फाइनल बी स्थान निर्धारित करने के लिए था जिसमें सातवें से 12वें पायदान के लिए मुकाबला था। पीआर3 श्रेणी वे पैरा एथलीट खेलते हैं जिनके पैर कोई काम नहीं कर सकते, वे सीट को स्लाइड कर सकते हैं। अनीता ने 18 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में पैर खो दिया था।

भारत के रवि रोंगाली एथलेटिक्स में पुरुषों की एफ40 गोला फेंक स्पर्धा फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जबकि रक्षिता राजू महिलाओं की 1500 मीटर टी11 दौड़ की शुरुआती दौर में ही बाहर हो गईं। पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत जीतने वाले रवि ने 10.63 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया पर उनका यह प्रदर्शन उन्हें पांचवां स्थान ही दिला पाया। एफ40 वर्ग छोटे कद वाले खिलाड़ियों के लिए होता है।

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