फिल्म 'दंगल' जैसी चल रही है महिमा की कहानी, क्लाइमेक्स भी वैसा हो...

जी नहीं! यह तस्वीर न गीता की है, न ही बबीता की और ना ही इसका संबंध महावीर सिंह फोगाट से है। ऐसा इसलिए कहना पड़ा क्योंकि अभी आपने हाल ही में आमिर खान की फिल्म दंगल देखी होगी, जिसमें एक लड़की को पहली बार किसी लड़के से 'दंगल' करते दिखाया गया है तो आप कुछ ऐसा न सोच बैठें। अब आपको इस तस्वीर की असली कहानी की तरफ ले चलते हैं, उससे पहले ये भूमिका...
हमारी हिंदी फिल्में कभी किसी सच्ची घटना पर आधारित होती हैं या उसकी कहानी किसी की सच्ची घटना होती है। कुल मिलाकर हमारी फिल्में हमारे जीवन का आईना होती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब इस तस्वीर में दिख रही बच्ची (महिमा) जो आज 16 साल की है, अपने पिता के साथ फिल्म देखने गई। फिल्म के दौरान महिमा की आंखों से आंसू बहने लगे, क्योंकि ये तो उसकी कहानी थी... जिसे वो बड़े पर्दे पर देख रही थी।
महिमा की कहानी
अब जब हम ये बता चुके हैं कि दंगल की कहानी महिमा की जिंदगी के बेहद करीब थी तो हम आपको ये भी बता दें कि महिमा अपने पिता की सबसे बड़ी संतान हैं। उनके पिता राजू राठौड़ पेशे से एक किसान है पर किसी जमाने में वो एक पहलवान हुआ करते थे। यही नहीं महिमा के दादा, उनके आठ चाचा, फिर उनके पिता पहलवानी में अपना सिक्का जमा चुके थे।
जब राजू और उनके भाई संतोष थोड़े बड़े हुए तो वे दोनों भी अपने पिता और चाचाओं के साथ पहलवानी करने लगे। दोनों ही भाईयों ने राज्य स्तर पर मेडल भी जीते पर फिर बात वही दो वक़्त की रोटी कमाने पर आकर रुक गयी। राजू भी खेतो में मजदूरी करने लगे और फिर पेट की मार ने धीरे धीरे पहलवानी छुड़वा दी। लेकिन पहलवानी तो उनके खून में थी तो अब वो सपना देखने लगे कि जैसे ही उनका बेटा होगा, वो उसे पहलवान जरूर बनायेंगे।
शुरू हुई दंगल की कहानी
राजू को भी उस समय बेहद निराशा हुई जब उन्हें पता चला कि उनकी पहली संतान एक लड़की है। इसके बाद उनके भाई के घर भी एक बेटी पैदा हुई, इसके बाद दोनों भाई निराश हो गए! हालांकि इसके बाद राजू और संतोष ने अपनी बेटियों को पहलवानी के सारे गुर सिखा दिए। पर करीब पांच साल पहले एक दुर्घटना में संतोष की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी बेटी का लक्ष्य बदल गया और अब वो डॉक्टर बनना चाहती है। राजू ने भी उसकी इच्छा के मुताबिक उसे अपना करियर चुनने दिया।

इसके बाद पूरे गांव में राजू की बेटी महिमा अकेली लड़की थी जो दंगल लड़ने के लिए अखाड़े में उतरती थी। लोग मजाक उड़ाते, पर राजू रुकने वालो में से नहीं था। धीरे-धीरे महिमा लड़कों को पछाड़ने लगी और दूूसरे गांवों में जाकर दंगल लड़ने लगी। 16 साल की महिमा आज नेशनल लेवल की खिलाड़ी है। और यहां तक वो किसी भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग और डायटीशियन की मदद के बगैर पहुंची है। उम्मीद है महिमा अपने सफर को फिल्म 'दंगल' की तरह आगे बढ़ाते हुए ओलंपिक तक पहुंचेंगी और देश का नाम रोशन करेंगी।
महिमा का 'दंगल' लड़ता एक वीडियो
मूल स्टोरी: Thebetterindia
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