खिलाड़ियों को नहीं होगी धन की कमी खेल मंत्रालय ने की अहम घोषणा

भारत में खेलों को लेकर बीते कई वर्षों से युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। लेकिन उस हिसाब से कुछ खेलों को अगर छोड़ दिया जाए तो नतीजे उतने बेहतर नहीं आ रहे हैं। इसी वजहें भी हैं, पहला खेल के प्रति अभिवावकों का रवैया अच्छा नहीं रहा है, जिसका असर सीधे बच्चों पर पड़ता है और खेल को टाइम पास मानकर अपनी पढ़ाई को ज्यादा महत्व देते हैं। दूसरी वजह ये है कि खिलाड़ियों को खेल में अपना भविष्य उतना सुरक्षित नहीं लगता है। इसलिए वह खेल के बजाय अन्य प्रोफेशन को चुनता है।
लेकिन खेलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। रियो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सरकार ने फौरन एक ओलम्पिक टास्क फ़ोर्स का गठन किया। जिसकी मदद से देश भर से प्रतिभाओं का चयन करने का काम हो रहा है। जिससे टोक्यो ओलम्पिक में भारत का प्रदर्शन बेहतर हो। इसी क्रम में एक और कदम बढ़ाते हुए नए नवेले खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने खिलाड़ी पहले की मंशा को मूर्त देने की तरफ कदम भी बढ़ा दिया है।
देश में अब किसी भी प्रतिभा को आर्थिक परिस्थितियों से दो चार न होना पड़े इसलिए खेल मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला किया है। सरकार ने टरगेट ओलम्पिक पोडियम (टॉप) स्कीम के तहत 152 खिलाड़ियों का चुनाव किया है। यह सभी खिलाड़ी इस योजना का लाभ उठाएंगे। आर्थिक मदद एक सितंबर 2017 से लागू होगी।
नए खेल मंत्री राजवर्धन राठौर ने ट्विटर पर भी इसकी घोषणा करते हुए कहा कि एमवाईएएस टोक्यो, सीडब्ल्यूजी, एशियाई खेलों की तैयारी करने वाले शीर्ष 152 खिलाड़ियों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक मदद एक सिंतबर 2017 से काम करेगी जिसका मकसद खिलाड़ियों की जरूरतों को पूरा करना है। हम चैम्पियन खिलाड़ियों के लिए सभी साधन देने के तैयार हैं। मंत्रालय इस समय सभी चुने गए खिलाड़ियों के संपर्क में है।
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