ये है फरीहा, जो अपनी मां से लड़कर बन गई 'इंडियाज वुशु वॉरियर गर्ल'

आपकी खेल में रुचि है? क्या कहा... क्रिकेट देख लेते हैं, हॉकी भी समझ आती है... फुटबाल भी पसंद है! चलिए अच्छा है... हम आपको एक खेल के बारे में बताते हैं। नाम है 'वुशु'... ये कोई खिलाड़ी नहीं खेल का नाम है। चलिए अब इसको और आसानी से समझाते हैं, यह चीनी मार्शल आर्ट्स का एक फॉर्म है।
अब आप सोच रहे होंगे हम इस खेल के बारे में आज क्यों बात कर रहे हैं? तो जान लीजिए भारत की एक बेटी जो हैदराबाद की रहने वाली है इस खेल की इस समय मास्टर है। तो इसमें नया क्या है? यह जानने के लिए आपको फरीहा की कहानी जाननी पड़ेगी।
फरीहा की कहानी
हैदराबाद के एक स्कूल ने इस कला को लड़कियों को सिखाने का निर्णय लिया, जिससे वे अपनी रक्षा कर सकें। जिन लड़कियों ने इसे सीखा, उसमें सबसे आगे रहीं 14 साल की फरीहा तफीम। इसके बाद फरीहा ने स्टेट लेवल का कॉम्पटीशन जीता, यह प्रतिस्पर्धा जीतने के बाद फरीहा को नेशनल चैंपियनशिप के लिए चुना गया।
यह प्रतियोगिता असम में होनी थी। चूंकि यह जगह हैराबाद से बहुत दूर है इसलिए फरीहा की मां उसे वहां नहीं जाने देना चाहती थी। उसकी मां ने उससे कहा, 'तुम अब बड़ी हो रही हो और तुम्हारा इतना दूर जाना सुरक्षित नहीं है।' उसकी मां और भाई का मानना था कि अगर फरीहा ऐसी प्रतियोगिता में भाग लेती है तो उनके समुदाय में उसके बारे में कई तरह की बातें की जाएंगी।'
लेकिन फरीहा अपनी मां को लगातार समझाती रही। फिर फरीहा को उसके पिता का साथ मिला, वह गुवाहाटी गई और वहां उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिता भी जीत ली। अब फरीहा पर जयीशा पटेल 'इंडियाज वुशु वॉरियर गर्ल' नाम की डॉक्यूमेंट्री बना रही हैं। जयीशा कहती हैं, 'मैं फरीहा की उम्र जानकर हैरान थी कि इतनी छोटी बच्ची ने किस तरह अपने समुदाय के विचारों से अलग जाकर अपने लिए रास्ता बनाया।
हम आपको यह कहानी सिर्फ इसलिए बता रहे हैं क्योंकि अब वक्त आ गया है हमे अपनी बेटियों को उनके मन की करने देना चाहिए... क्योंकि सफलता जब मिलेगी तो देश के साथ सर आपका भी फक्र से ऊंचा हो जाएगा।
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