World Elephant Day : यमुना किनारे है 'गजराज' का घर
Posted By: Team IndiaWave
Last updated on : August 12, 2020
12 अगस्त को वर्ल्ड एलिफ़ेंट डे (world elephant day) मनाया जाता है। और इस मौके पर आज हम आपको बताते हैं यमुना किनारे रहने वाले हाथियों के बारे में।
मथुरा के फरह क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ही एक चुरमुरा गाँव है। जहां 2010 में स्थापित हाथी संरक्षण केंद्र में लगभग 24 हाथी हैं। इस संरक्षण केंद्र में हाथियों के रहने से लेकर उनके इलाज और उनकी मृत्यु के बाद स्मारक भी बनाए आते हैं। अब तक इस हाथी संरक्षण केंद्र में पाँच हाथियों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली के रहने वाले कार्तिक सत्यनारायण और नोएडा के निवासी डायरेक्टर बैजू राज चलाते हैं।
मथुरा स्थित इस हाथी संरक्षण केंद्र को दिल्ली के रहने वाले कार्तिक सत्यनारायण और नोएडा के निवासी डायरेक्टर बैजू राज चलाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्हीं दो लोगों ने इस हाथी संरक्षण केंद्र की स्थापना भी की थी।
इस हाथी संरक्षण केंद्र को देखने के लिए कई बॉलीवुड के कलाकार भी आ चुके हैं। साथ ही दुनिया भर में पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध मेनका गांधी ने भी इस केंद्र के संचालन में बहुत मदद की है।
चुरमुरा गाँव में स्थित हाथी संरक्षण केंद्र में देश भर से ऐसे हाथियों को लाया जाता है जो बीमार हों या उन्हें किसी के बंधन से छुड़ाया जाता है। अब तक इस हाथी संरक्षण केंद्र में 29 हाथियों को लाया गया है। लाये गए हाथियों में से पांच हाथियों की किन्हीं कारण से मौत हो चुकी है। मरने वाले सभी हाथियों के स्मारक भी बनाए गए हैं।
चुरमुरा में स्थित हाथी संरक्षण केंद्र में साल 2018 में हाथी अस्पताल भी बनाया गया। जहां पर अब देश भर से लाये गए बीमार तथा जख्मी हाथियों का इलाज किया जाता है।
2014 में हाथी संरक्षण केंद्र में एक राजू नाम के हाथी को मुक्त करा कर लाया गया था। उस हाथी के बारे में बताया गया कि वह 50 साल तक जंजीरों में बंधा रहा था। उस हाथी की हालत इतनी ज्यादा खराब थी कि उसे जो भी देखता अपने आंसू नहीं रोक पाता।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि राजू नाम के इस हाथी का मालिक उसे भीख मांगने के लिए प्रयागराज (यूपी) की सड़कों पर घुमाता रहता था, उसे खाने के लिए भी बहुत नहीं देता था जिससे उसकी हालत बहुत नाजुक हो गयी थी। हाथियों के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए काम करने वाले एनजीओ वाइल्ड लाइफ एसओएस (Wildlife SOS) ने राजू नाम के उस हाथी को मुक्त कराया।
चुरमुरा हाथी संरक्षण केंद्र यमुना के ठीक बगल में स्थित है। इस हाथी केंद्र के कर्मचारी रोजाना हाथियों को यमुना किनारे शुद्ध वातावरण में टहलाते हैं, ताकि वो अपनी रियल लाइफ को एंजॉय कर सकें।
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