पिता वेल्डर, 21 साल के बेटे को माइक्रोसॉफ्ट में 1 करोड़ की जॉब

बिहार के खगरिया के सनहौली गांव में जन्मे वात्सल्य का सपना तो था इंजिनियर बनने का, लेकिन शायद ही उसे यकीन था कि एक दिन उसका कॉलेज में दाखिला भी हो पाएगा। पिता वेल्डिंग का काम करते थे और उस कमाई से इंजिनियरिंग की पढ़ाई मुमकिन नहीं थी। इंटरमीडिएट में 75 फीसदी नंबर आए तो परिवार को कुछ उम्मीद बंधी। किसी तरह वात्सल्य को आईआईटी की तैयारी के लिए कोटा भेज दिया।
कोटा काम कर गया। आईआईटी जेईई में वात्सल्य की 382वीं रैंक आई और उन्हें खड़गपुर कैंपस मिल गया। वात्सल्य ने जीतोड़ मेहनत की और पढ़ाई पूरी होने से पहले ही महज 21 साल की उम्र में कमाल कर दिखाया। कैंपस प्लेसमेंट के जरिए माइक्रोसॉफ्ट ने दिसंबर, 2015 में उन्हें सालाना 1.02 करोड़ रुपए की जॉब ऑफर कर दी।
माइक्रोसॉफ्ट में सेलेक्ट होने के बाद वात्सल्य ने कैसे अपनी खुशी का इजहार फेसबुक पर किया, नीचे पढ़िए...
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए वात्सल्य के पिता ने बताया कि 3.50 लाख रुपये एजुकेशन लोन लेकर वात्सल्य को पढ़ने भेजा था। जैसे ही उसने पापा को फोनकर बताया कि उसका प्लेसमेंट एक करोड़ रुपये की सैलरी पर माइक्रोसॉफ्ट में हुआ है, उनके आंसू छूट गए।
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