राहुल द्रविड़ को नहीं पसंद VIP कहलाना, सात बार दिया सुबूत

चंद लोग ही हस्ती बनने के बाद अपनी सादगी को बरकरार रख पाते हैं। वे अपनी मेहनत से तकदीर बदलने के बाद भी दिखावे और वीआईपी ट्रीटमेंट के शौकीन नहीं होते। हमारे देश में पेजथ्री में आने के बाद शायद ही कोई सादा जीवन जीना पसंद करता है। मगर आज आपको हम ऐसे ही सेलिब्रेटी महान क्रिकेटर राहुल द्रविड़ से मुलाकात कराएंगे जिन्होंने कभी भी खुद पर स्टारडम को हावी नहीं होने दिया...
अपने बच्चों के स्कूल में लगे लाइन में
क्रिकेटर राहुल द्रविड़ को उनकी लंबी पारी वाली बैटिंग के लिए जाना जाता है। वे टीम इंडिया में जब तक रहे कुछ अलग मकाम बनाकर रहे। कई रिकॉर्ड रचने वाले राहुल की एक खासियत यह भी है कि देश में चर्चित हस्तियों में शुमार होने के बाद भी उन्होंने अपनी सादगी को बचाकर रख रखा है। इसका ताजा उदाहरण यह है कि हाल ही में वे अपने बच्चों के स्कूल में एक विज्ञान प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए गए थे। मगर उन्होंने वहां पहुंचे अन्य पैरेंट्स की तरह लाइन लगाकर इत्मिनान से प्रदर्शनी का लुत्फ उठाया। उन्होंने एक पल के लिए भी अपनी सेलिब्रेटीज वाली छवि का फायदा नहीं उठाया। उन्होंने इसी के साथ वीआईपी ट्रीटमेंट पाने के लिए बेकरार रहने वालों को एक नजीर पेश कर दी है। बता दें कि राहुल द्रविड़ ने 344 वनडे मैचों में 10889 रन बनाए हैं और टेस्ट मैचों में 13288 रन बनाए हैं।
जब नेत्रहीन खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
एक बार राहुल द्रविड़ से कहा गया कि वे आंशिक तौर पर नेत्रहीन क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इसके जवाब में उन्होंने ऐसी बात कह दी जिससे सभी उनकी सादगी के फैन बन गए। दरअसल, उन्होंने कहा कि आखिर आंशिक रूप नेत्रहीन क्रिकेटर्स को वह क्या प्रेरणा देंगे। मुझे तो ऐसा लग रहा है कि वे क्रिकेटर्स तो मेरे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनके इस जवाब को सुनकर वहां मौजूद सभी लोग उनके कायल हो गए।
अपने फैन से मांगी माफी
द्रविड़ की सादगी का एक और उदाहरण है उनका अपने फैन से माफी मांगना। हुआ यूं कि एक बार उन्हें सूचना मिली कि उनका एक बहुत बड़ा फैन किसी जटिल बीमारी के चलते जिंदगी के अंतिम छोर पर पहुंच गया था। वह उनसे मिलने की जिद कर रहा था। हालांकि, अपनी कठीन दिनचर्या के चलते उन्हें मिलने का समय ही नहीं मिल पा रहा था। वह मीलों दूर बैठे अपने फैन से मुलाकात नहीं कर पा रहे थे। इसका रास्ता तलाशते हुए उन्होंने 'Skype' पर अपने उस फैन से वीडियो चैट किया। साथ ही, उससे आमने-सामने न मिल पाने के लिए माफी भी मांगी।
डॉक्टरेट की उपाधि को नकारा
यही नहीं द्रविड़ ने कभी भी अपनी सफलता का जबरन दिखावा नहीं किया। एक बार उन्हें प्रतिष्ठित डॉक्टरेट की उपाधि सम्मान स्वरूप प्रदान की जा रही थी। मगर उन्होंने उस उपाधि को सिर्फ इसलिए मना कर दिया क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उस उपाधि को हासिल करने के लिए उन्होंने कुछ भी नहीं किया है। डॉक्टरेट की उपाधि को नकारने के बाद उनकी पूरे देश में काफी तारीफ की गई थी।
प्लेन में भी दिया सादगी का परिचय
यही नहीं एक बार वह प्लेन में सफर कर रहे थे। प्लेन में राहुल द्रविड़ की मौजूदगी की खबर मात्र से ही दूसरे यात्री उनसे मिलने के लिए बेकरार हो गए। ऐसे में लोगों के आने-जाने का रास्ता ही बंद हो गया। इस पर द्रविड़ ने अपने फैंस से कहा कि वे रास्ता छोड़ दें। जब सभी यात्रियों को बैठने की जगह मिल गई तो उन्होंने अपने फैंस से पूरे इत्मिनान से बात की। साथ ही, वहां मौजूद अन्य लोगों को एक सीख भी दे दी कि कभी भी ऐसी जिंदगी न जीएं जो दूसरों के लिए मुसीबत का सबब बन जाए।
बस और ऑटो से करते हैं सफर
यही नहीं बंगलुरू के इस क्रिकेट सितारे को अक्सर बस और ऑटो में सफर करते हुए देखा जा सकता है। वह कभी भी अपनी सादगी को नहीं छोड़ते। आम लोगों के बीच उनके साथ सफर करने में उन्हें कोई ऐतराज नहीं होता। राहुल द्रविड़ की इन्हीं खूबियों के लिए उनका और उनके परिवार के लोगों को विशेष सम्मान माना जाता है।
कैफे में भी नहीं लिया वीआईपी ट्रीटमेंट
इसी के साथ एक किस्सा है राहुल का कैफे में आमजनों की तरह काउंटर पर जाना और फेमिली के साथ आउटिंग को इंज्वॉय करने का। दरअसल, एक बार वह बंगलुरू के एक कैफे में अपने दोनों बच्चों के साथ पहुंचे हुए थे। अपने कैफे में द्रविड़ को देख वहां का पूरा स्टाफ हड़बड़ी में आ गया। हालांकि, इस महान क्रिकेटर ने अपने लिए वीआईपी ट्रीटमेंट की पेशकश को ठुकरा दिया। उन्होंने खुद काउंटर पर जाकर ऑर्डर देने के साथ ही उसका पेमेंट करने के बाद सेल्फ सर्विस के नियम का पालन किया। द्रविड़ को ऐसा करते देख वहां मौजूद सभी लोग उनके कायल हो गए।
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