भाईचारा : सहरी के लिए मुस्लिमों को ढोल बजाकर उठा रहा है ये बुजुर्ग सिख

पिछले कुछ समय से देखने में आ रहा है कि साम्प्रदायिक झगड़ों को बढ़ाने में सोशल मीडिया का काफी बड़ा रोल रहता है लेकिन कई बार ये सोशल मीडिया दिलों में प्यार और आपसी सौहार्द जगाने का भी काम करता है। आजकल भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक सिख बुजुर्ग सहरी करने के लिए सुबह सुबह मुस्लिमों को जगा रहा है।
दरअसल, इस समय रमज़ान चल रहे हैं और रमज़ान में मुस्लिम रोजा रखने से पहले सहरी खाते हैं। सहरी का समय फज्र की नमाज के लिए होने वाली अजान से पहले तक होता है। ये अजान सूर्योदय से पहले होती है।
यह वीडियो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का बताया जा रहा है। इसमें सिख बुजुर्ग ढोल बजाते हुए मुस्लिमों को उठकर रोजा रखने के लिए कह रहे हैं। इस सिख बुजुर्ग की पहचान तो नहीं हो पाई है लेकिन उनके काम ने उनकी पहचान को सामाजिक सौहार्द्र के लिए एक मिसाल बना दिया है। वह ढोल बजाने के साथ-साथ आवाज लगाते हैं, 'अल्लाह रसूल दे प्यारो, जन्नत दे तलबगारो, उठो रोजा रखो।' वीडयो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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