बिना प्रशासन की मदद से 'खुले में शौच से मुक्त' हुआ यूपी का ये गांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को लगता है रफ्तार मिल गई है। अब लोग खुद से जागरूक हो रहे हैं और अपने आस पास चीजों को बेहतर कर रहे हैं जिससे कि इस अभियान को सफलता मिले। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है यूपी के इस गांव ने। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मुबारकपुर कला गांव के लोगों ने खुद पैसे इकठ्ठा कर सभी घरों में शौचालय बनवाया।
सरकारी मदद लेने से किया इनकार
रमजान के पाक महीने में गांववालों ने प्रशासन से मिल रही मदद को ठुकरा कर अपने दम पर गांव को 'खुले में शौच से मुक्ति' दिलाई है। बिजनौर के इस गांव ने सरकार से मिल रहे 17.5 लाख रुपए के बिना ही आपस में पैसे इकठ्ठा कर शौचालय बनवाए हैं। इंस्पेक्शन के बाद मुबारकपुर कला गांव को 'खुले में शौच से मुक्त' घोषित कर दिया गया है।
इस गांव में मुस्लिमों की संख्या है ज्यादा
मुस्लिम बाहुल इस गांव में 661 परिवार रहते हैं। 3,500 की जनसंख्या वाले इस गांव में केवल 146 घरों में शौचालय थे, बाकी के परिवार खुले में ही शौच जाते थे। जिला प्रशासन ने गांव की प्रधान किश्वर जहां को शौचालय बनवाने के लिए सहायता देने का विकल्प दिया। किश्वर ने शौचालय का प्रपोजल प्रशासन को भेज दिया। प्रशासन की तरफ से 17.5 लाख रुपए प्रधान के जॉइंट बैंक अकाउंट में आ भी गए।
प्रशासन को पैसा लौटा दिया
लेकिन प्रशासन के लोग उस दिन हैरान हो गए जब गांववालों ने पैसे लेने से मना करते हुए पैसा वापस भेज दिया। गांववालों का कहना था, 'यह रमजान का महीना है और अच्छे कामों के लिए मदद ली नहीं, दी जाती है। घरों में शौचालय बनाना अच्छा काम है और हम यह खुद करेंगे। गांव की प्रधान जहां ने कहा, 'महिलाओं समेत गांव के सभी लोग अपने पैसे से शौचालय बनवाने के लिए तैयार थे क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है। जो लोग शौचालय बनवा नहीं सकते थे उनकी हम सब ने मिल कर मदद की है।' गांव के लोगों ने केवल पैसे नहीं मजदूरी में भी एक-दूसरे की सहायता कर शौचालय बनाए हैं।
सीडीओ ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'संभवत यह राज्य का पहला गांव है जिसने पैसे लेने से मना करते हुए शौचालय बनवाए हैं। यह खुशी की बात है। मुबारकपुर कला के लोगों ने हम सभी के लिए एक मिसाल पेश की है।'
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