गांव वालों को बचाने के लिए अपनी जान पर खेल गया ये सिपाही

उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही ने कर्तव्य और फर्ज की मिसाल पेश करते हुए पूरे गांव को बचा लिया। अगर समय से सिपाही बहादुरी न दिखाता तो मंगलवार को राजधानी के एक गांव में दर्जनों लोगों की जाने जा सकती थी, लेकिन जांबाज सिपाही ने अपनी जान जोखिम में डालकर पूरे गांव को बचा लिया।
दरअसल हुसैनाबाद चौकी के पास फातिमा कॉलोनी में वर्षों से चल रहे कारखाने में जहरीली एसिटलीन गैस का रिसाव मंगलवार की शाम को होने लगा। गैस के धुंए से कारखाने के आसपास रहने वाले परिवारों के बच्चों, महिलाओं व पुरुषों की जलन के साथ ही सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी। घटना के बाद कारखाना मालिक और उसके कर्मचारी सिलेंडर को इनोवा कार में लादकर गोमती नदी में फेंकने जा रहे थे। इनोवा कार में लीकेज सिलिंडर को रखकर गोमती में फेंकने जा रहे कारखाने के कर्मचारी घैला गांव पहुंचे थे कि तभी गैस का रिसाव और तेज हो गया। इसकी वजह से ग्रामीणों को भी घुटन होने लगी। इस बीच कार सवार एक कर्मचारी की हालत बिगड़ गई।
ग्रामीणों को मुताबिक जब पहले व्यक्ति की हालत बिगड़ गई, तो कार को दूसरा व्यक्ति लेकर भाग निकला। इस घटना से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। सभी अपने-अपने घर से भाग निकले। इसी बीच सूचना पर पुलिस बल के साथ इंस्पेक्टर मड़ियांव और दमकल की गाड़ी के साथ एफएसओ बीकेटी श्रीनारायण यादव मौके पर पहुंचे। गांव में गैस रिसाव तेज हो रहा था। यह देख इंस्पेक्टर के साथ मड़ियांव थाने के सिपाही आशीष तिवारी कार को भगाते हुए आईआईएम रोड के रास्ते घैला पुल पर पहुंचे। तेज गैस रिसाव से सिपाही आशीष की भी हालत बिगड़ने लगी, पर उसने अपनी जान की परवाह किए बिना सिलिंडर को गोमती नदी में फेंक दिया। हालांकि उसके बाद सिपाही की हालात बिगड़ गई। पुलिस ने सिपाही को गंभीर हालात में क्षेत्र स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, उसकी हालात नाजुक बताई जा रही है। सोशल मीडिया पर आशीष तिवारी की बहादुरी की तारीफ हो रही है।
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