खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से यूपी के किसानों की बढ़ेगी आय: सिद्धार्थ नाथ सिंह
उत्तर प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर यूपी की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब सरकार की तरफ से खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योगों की स्थापना पर विशेष बल दिया जा रहा है। कृषि आधारित उत्पादों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत प्रदेश के नौ जिलों में सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) की स्थापना कराई जा रही है। यह सभी सामान्य सुविधा केन्द्र स्थानीय उद्यमियों एवं किसानों के समूहों द्वारा ही संचालित किए जाएंगे। राज्य सरकार की तरफ से स्थापित की जाने वाली सीएफसी की स्थापना में लगभग 9,000 लाख रुपये खर्च होंगे। यूपी सरकार की तरफ से इनकी स्थापना के लिए 90 फीसदी हिस्सा खुद ही वहन किया जाएगा। यूपी में लगभग 6,000 किसान इन सीएफसी से सीधे ही जुड़ेंगे। सरकार की तरफ से इसके अतिरिक्त स्फूर्ति योजना के तहत चार जनपदों में 1,500 लाख की लागत से क्लस्टर की स्थापना कराई जाएगी। सरकार की तरफ स्थापित होने वाली स्फूर्ति योजना के तहत लगभग 2500 किसानों को सीधा लाभ होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयासरत
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल के दौरान पिछले 10 महीने के अन्दर एमएसएमई और खादी विभाग ने मिलकर प्रदेश में किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का कार्य किया है। जिन 09 जिलों में कृषि आधारित उत्पादों को ओडीओपी में शामिल किया गया है, वहां पर सीएफसी की स्थापना को प्रमुखता दी गई है। सीएफसी के संचालन हेतु किसानों का समूह तैयार कराया गया और इन जिलों के अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़ने का कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई और खादी विभाग द्वारा सीएफसी एवं क्लस्टर अन्य जिलों में भी स्थापित कराये जाने की तैयारी की जा रही है। इस समय प्रदेश में 3,500 लाख रुपये के प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं।
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गुड़ आधारित उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गुड़ उद्योग को भी बढ़ावा देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। गुड़ आधारित उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इस संबंध में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि ओडीओपी के जिले मुजफ्फरनगर में गुड़ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दो सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि यहां पर 510 लाख रुपये की लागत से 2.5 टीडी (गुड़ के लिए ठोस/पाउडर) प्लांट लगाया जाएगा। साथ ही जैविक किसान ऑर्गेनिक फार्मर प्रोड्यूसर द्वारा भी सीएफसी की स्थापना की जाएगी। इसी तरह से सिद्धार्थनगर में कालानमक चावल के लिए 696 लाख रुपये की लागत से सीएफसी की स्थापना कराई जा रही है। इसके माध्यम से चावल उत्पाद किसानों को कालानमक चावल की प्रोसेसिंग, वैक्यूम पैकिंग, तापमान नियंत्रण वेयरहाउस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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यहां के उद्योग को बढ़ावा देगी सरकार
यूपी सरकार की तरफ से ओडीओपी कार्यक्रम के तहत अन्य जिलों के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया गया है। मंत्री ने बताया कि औरैया जिले में देशी घी के लिए 150 लाख रुपये़, कौशाम्बी में ऑवला आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 376 लाख रुपये तथा अयोध्या जिले में गुड़ के लिए लगभग 2,500 लाख रुपये की लागत से दो सीएफसी की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही गोण्डा जिले में 935 लाख रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जायेगा। उन्होंने बताया कि बलरामपुर में 1200 लाख रुपये की लागत से फूड प्रोसेसिंग तथा कुशीनगर में 983 लाख रुपये से केले के रेशे से बनने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएफसी स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित स्फूर्ति योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई गई है। गोरखपुर में 497 लाख रुपये से फूड क्लस्टर, मैनपुरी में 249.49 लाख रुपये की लागत से पोटेटो क्लस्टर, लखनऊ में 498.50 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल एण्ड टरमेरिक क्लस्टर तथा मथुरा में 274.11 लाख रुपये की लागत से मस्टर्ड आयल क्लस्टर का विकास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सीएफसी की स्थापना से किसानों के कृषि उत्पादों के विपणन, पैकेजिंग तथा तकनीक को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
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