यूपी सरकार किसानों का विकास करने के लिए चला रही समृद्धशाली योजनाएं
भारत के ग्रामीण अंचल में सीमान्त एवं छोटे कृषकों को साहूकारों के आर्थिक शोषण से मुक्त कराने हेतु सहकारिता के माध्यम से आसान शर्तों पर कर्ज चुकाने की व्यवस्था, सहकारी ऋण समिति अधिनियम बनाने से हुई। इस अधिनियम में आगे चलकर कुछ कमियां दृष्टिगत हुई, जिसे दूर करते हुये एवं सहकारिता के कार्यक्षेत्र में वृद्धि लाने हेतु वर्ष 1912 में नया सहकारी अधिनियम बनाया गया था।
यूपी में रबी फसल की बुआई के दौरान किसानों को नहीं होगी कोई दिक्कत
कालान्तर में सहकारी आन्दोलन के बहुमुखी प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 1965 में नया सहकारी अधिनियम लागू किया गया। वर्तमान में इसी अधिनियम के अधीन समस्त सहकारी समितियां अपने कार्यों का निष्पादन कर रही हैं। सहकारिता विभाग के संगठन का उददेश्य न केवल कृषकों को सस्ते ऋण की सुविधा उपलब्ध कराना है, वरन् प्रदेश के ग्रामीण तथा शहरी जनता के निर्बल और निर्धन वर्ग को समृद्धशाली बनाते हुये उनके स्तर को ऊपर उठाना है। इन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा विभिन्न योजनायें यथा- सहकारी ऋण एवं बैंकिंग, कृषि निवेश, क्रय-विक्रय, एकीकृत सहकारी विकास परियोजना आदि क्रियान्वित कर सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। सहकारी समितियां सस्ते ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने, सदस्यों में बचत की भावना को विकसित करने, कृषकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के क्रय-विक्रय की व्यवस्था कर उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सहयोग प्रदान करती है। यह समितियां किसानों को कृषि कार्य के उपयोग में आने वाली विभिन्न प्रकार के कृषि निवेशों को उन्हें उचित मूल्य पर उपलब्ध कराती है।
लखीमपुर प्रकरण: मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 45-45 लाख और सरकारी नौकरी
सहकारिता की अधिकोषण योजना के अंतर्गत अल्पकालीन सहकारी साख संरचना के त्रिस्तरीय ढांचे में शीर्ष स्तर पर उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक, जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंकों की 1260 शाखाओं तथा न्याय पंचायत स्तर पर 7479 पैक्स स्थित हैं। उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को कृषि यन्त्रीकरण, पशुपालन, भूमि सुधार हेतु 323 शाखाओं के माध्यम से दीर्घकालीन ऋण वितरण किया जाता है। अल्पकालीन ऋण वितरण वर्ष 2017-18 में अल्पकालीन ऋण वितरण निर्धारित लक्ष्य रु0 8350 करोड़ के सापेक्ष रु0 3908.04 करोड़ का वितरण किया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 46.80 प्रतिशत रहा, जिसमें 14.18 लाख कृषक लाभान्वित हुए
आजादी अचानक नहीं मिली, इसके लिए अनगिनत बलिदान दिए गए: सीएम योगी
वर्ष 2018-19 में लक्ष्य रु0 7911.72 करोड़ के सापेक्ष रु0 5163.17 करोड़ का वितरण किया गया, जो वार्षिक लक्ष्य का 65.26 प्रतिशत रहा, जिसमें कुल 15.45 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2019-20 में लक्ष्य रु0 9500 करोड़ के सापेक्ष रु0 6150.21 करोड़ का वितरण किया गया, जो वार्षिक लक्ष्य का 64.74 प्रतिशत रहा और कुल 16.75 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2020-21 में अल्पकालीन ऋण वितरण के लक्ष्य रु0 10000.00 करोड़ के सापेक्ष रु0 7085.59 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। जो वार्षिक लक्ष्य का 70.86 प्रतिशत रहा और कुल 17.99 लाख कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2021-22 में अल्पकालीन ऋण वितरण के लक्ष्य रु0 10000.00 करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष दिनांक 24 अगस्त, 2021 तक रु0 5021.60 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। जो वार्षिक लक्ष्य का 50.22 प्रतिशत है।
बनारसी टेक्सटाइल और सोनभद्र के कारपेट को मिली नई उड़ान
उत्तर प्रदेश में उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक की 27 शाखाएँ एवं 50 जिला सहकारी बैंकों की 1260 शाखाएँ सी0बी0एस0 प्रणाली से आच्छादित है तथा इनके द्वारा अपने ग्राहकों को रुपे कार्ड, रुपे के0सी0सी0, आर0टी0जी0एस0/निफ्ट, एसएमएस अलर्ट, सीटीएस, ईसीएस क्रेडिट तथा एबीपीएस एवं डायरेक्ट बेनीफिट ट्रान्सफर की सुविधा प्रदान कर डिजिटलाईजेशन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया जा रहा है। जिला सहकारी बैंकों द्वारा 142 ए0टी0एम0 का संचालन किया जा रहा है। उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक एवं 42 जिला सहकारी बैंकों द्वारा एटीएम सहित 43 मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है, जिससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के कृषकों को बैंकिंग सुविधा सुगमता से उपलब्ध हो रही है। अब तक इन मोबाईल एटीएम के माध्यम से लगभग रु0 664.55 करोड़ के लेन देन हो चुके हैं। 16 अन्य मोबाईल वैन की स्वीकृति भी नाबार्ड द्वारा प्रदान की गयी है।
गरीबों को सस्ते एवं सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने पर हुआ मंथन
भारतीय रिजर्व बैंक की केन्द्रीय भुगतान प्रणाली की सीधी सदस्यता ग्रहण कर आर0टी0जी0एस0/एन0ई0एफ0टी0 सुविधा हेतु स्वयं का कोड-यूपीसीबी0000001 प्राप्त किया गया, जिससे उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक को लगभग 19 करोड़ रु0 वार्षिक की बचत हो रही है। प्रदेश में स्थित 42 जिला सहकारी बैंक भी इसी प्लेटफार्म के माध्यम से उप सदस्य के रूप में यह सुविधा उपयोग कर रहे हैं। उ0प्र0 के सहकारी क्षेत्र के एवं निजी क्षेत्र के चीनी मिलों को उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक के नेतृत्व में उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक एवं जिला सहकारी बैंकों के लगभग रु0 6500.00 करोड़ ऋण के रूप में वित्तीय वर्ष 2019-20 में उपलब्ध कराकर कृषकों के गन्ना मूल्य भुगतान एवं चीनी क्षेत्र के विकास में सार्थक योगदान दिया जा रहा है। फूड कन्सोर्टियम में भी उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक भाग ले रहा है। इस क्षेत्र में विगत वर्षों में रु0 1600.00 करोड़ का निवेश किया जा चुका है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...