इस शादी में नव-दंपति के साथ मेहमानों ने भी ली इस नेक काम के लिए शपथ

वैसे तो शादी की रस्म में दूल्हा और दुल्हन को साथ रहने से पहले अग्नि को साक्षी मानकर शपथ लेनी होती है, लेकिन एक शादी ऐसी भी हुई जिसमें मेहमानों को शपथपत्र देना पड़ा।
आम तौर पर शादी समारोह में नव दंपतियों को लोग तरह-तरह के महंगे उपहार देकर सुखमय जीवन की शुभकामनाएं देते हैं, मगर मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए एक वैवाहिक समारोह में लोगों ने मृत्यु उपरांत नेत्रदान और देहदान के संकल्प पत्र सौंपे। यामिनी सोनवने और वैभव जैन पेशे से चिकित्सक हैं और दोनों ही मरीजों का इलाज करने के साथ आमजन के बीच समाज सेवा का काम भी करते रहे हैं।
दोनों ने उपहार न लेने का फैसला किया
जब दोनों का रिश्ता तय हुआ तो उन्होंने किसी से भी उपहार न लेने का फैसला किया। साथ ही यह भी तय किया कि जिस भी व्यक्ति को वे अपने वैवाहिक समारोह में आमंत्रित करेंगे, उससे एक संकल्प पत्र जरूर भरवाने की कोशिश करेंगे, जिसमें नेत्रदान व देहदान प्रमुख होगा। वैभव ने सोमवार को बताया कि उन्होंने अपने विवाह का जो आमंत्रण पत्र छपवाया था उस पर लिखवाया था, 'कोई भी उपहार लेकर न आए और अगर कोई उपहार देना चाहता है तो नेत्रदान या देहदान का संकल्प पत्र भरे।'
आई बैंक का स्टॉल भी लगाया गया
यह ऐसा समारोह था जिसमें तरह-तरह के व्यंजनों के स्टॉल के साथ आई बैंक का स्टॉल भी लगाया गया था। एम. के. इंटरनेशनल आई बैंक फाउंडेशन के सह कार्यकारी निदेशक अरुण चौधरी ने कहा कि उनके जीवन का यह पहला मौका है जब किसी नवदंपति के विवाह समारोह में इस तरह की पहल की गई हो। विवाह समारोह में शामिल होने आए 120 लोगों ने नेत्रदान और 10 लोगों ने मृत्यु उपरांत देहदान का संपल्प पत्र भरा।
वैभव का कहना है कि वे चिकित्सा के साथ महिला सशक्तिकरण, बाल विकास सहित अनेक सामाजिक कार्यो में भी हिस्सा लेते हैं। उसी क्रम में उन्होंने अपनी जीवन संगिनी यामिनी के साथ तय किया कि अपने विवाह समारोह में वे कोई उपहार नहीं लेंगे, बल्कि समाज में नेत्रदान व देहदान के प्रति जागृति लाने की कोशिश करेंगे। यामिनी और वैभव की पहल की चर्चा हर तरफ है, क्योंकि उन्होंने अपने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत करते हुए लोगों से अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए कुछ मांगा।
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