नारियल और सुपारी के पेड़ों पर चढ़ना हुआ आसान, इस किसान ने बनाई "ट्री-बाइक"

नारियल और सुपारी के पेड़ों पर चढ़ने किसानों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए अब एक किसान ने इसका तरीका खोज लिया है। नारियल को तोड़ने में किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए एक किसान ने "ट्री-बाइक" बनाई है। कर्नाटक के साजिपामुडा गांव के किसान गणपति भट्ट ने एक "ट्री-बाइक" बनाई है, उनकी तरफ से बनाई गई बाइक से तेजी और सुरक्षित ढंग से सुपारी के पेड़ पर चढ़ा-उतरा जा सकता है।
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किसान गणपति की तरफ से बनाई गई इस खास बाइक या स्कूटर का प्रयोग महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं। यही नहीं, पिछले कई दिनों से उनकी मशीन का वायरल खूब वायरल हो गया है। यह वीडियो इतना वायरल हुआ कि हजारों लोग डेमोन्स्ट्रेशन के लिए उनके घर पहुंच चुके हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ करते हुए वैज्ञानिकों से सामाजिक मुद्दों पर अधिक से अधिक फोकस करने के लिए कहा है। वायरल हो रहे इस वीडियो के तहत महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा को यह आविष्कार इतना पसंद आया कि उन्होंने गणपति को एक बड़ा ऑफर भी दिया है।
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गणपति भट्ट ने एक न्यूज चैनल को बताया कि मेरे खुद के 15 एकड़ में सुपारी के प्लांट हैं। इनमें 10 हजार से अधिक सुपारी के पेड़ लगे हुए हैं। सुपारी के पेड़ों में दवा का छिड़काव करना हो या फल तोड़ना हो, हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सबसे ज्यादा समस्या बारिश के मौसम में होती थी क्योंकि बरसात की वजह से पेड़ों पर चढ़ने वाले मजदूर नहीं मिलते हैं, जिससे हम किसानों को बहुत परेशानी होती है और भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इसी समस्या और जरूरत के चलते मेरे अंदर ही मशीन बनाने का आइडिया आया। यह मशीन गणपति ने 2016 में बनाना शुरू किया था। यह मशीन कुल 28 किलो वजन की है और इसमें टू-स्ट्रोक इंजन दिया गया है। यही नहीं, सेफ्टी बेल्ट भी दिया गया है। इस मशीन में 80 किलो वजन तक का कोई भी व्यक्ति 30 सेकंड में पेड़ की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। सबसे खास बात यह है कि 100 फीट ऊंचाई तक मशीन आसानी से जा सकती है। इस मशीन में शॉक एब्जॉर्वर के साथ हाइड्रॉलिक ड्रम का इस्तेमाल किया गया है। यह इसलिए किया गया है ताकि कभी भी इंजन स्लिप हो जाए, तो कोई खतरा नहीं होगा। वैसे, सामान्यत: किसी पेड़ पर चढ़ने और दवा छिड़काव के लिए यहां पर एक मजदूर 2 हजार रुपए लेता है। वह महज 35 से 40 पेड़ों पर ही चढ़ पाता है। अब इस मशीन के जरिए एक दिन में सैकड़ों पेड़ों पर छिड़काव किया जा सकता है।
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दक्षिण भारत में इस मशीन का प्रयोग
दक्षिण भारत में आपकी जिधर नजर जाएगी उधर ही आपको सुपारी और नारियल के पेड़ दिखाई देंगे। दक्षिण भारत के बहुत बड़ी संख्या में ऐसे बगीचों और खेत है। कई फुट ऊंचे इन पेड़ों पर चढ़ने में बहुत ही परेशानी होती है। फल तोड़ना हो या फिर दवा का छिड़काव करना हो, इन पर चढ़ना हमेशा से एक मुश्किल काम रहा है, क्योंकि ये पेड़ सीधे और चिकने होते हैं। ऐसे में इन पर चढ़ने के लिए कुशल मजदूर की जरूरत पड़ती और वह इसका अच्छा दाम भी लेते हैं। इन पेड़ों के रख-रखाव में अधिक खर्च होने के कारण अब धीरे-धीरे किसान इनकी खेती करने से कतराने लगे हैं। इन्हीं पेड़ों पर आसानी से चढ़ने के लिए गणपति ने ऐसी बाइक बनाई है, जो पेट्रोल से चलती है। इस मशीन पर सुरक्षित ढंग से 80 किलो वजन तक का व्यक्ति मात्र 30 सेकंड में 100 फीट ऊपर तक पहुंच सकता है।
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