खुद को लेकर फैली भ्रांतियां दूर करने में जुटा किन्नर समाज

यूट्यूब चैनल के माध्यम से की शुरुआत
भले ही सुप्रीम कोर्ट ने किन्नर समाज को महिलाओं और पुरुषों के बराबर अधिकार दे दिए हों। भले ही अब हर शिक्षण संस्थान से लेकर नौकरी तक में उन्हें भी मौका दिया जा रहा है। मगर, स्थिति अभी तक काफी बेहतर नहीं हो सकी है। आज भी इन्हें दोयम दर्जे के नागरिक की नजर से देखा जा रहा है। और, खास बात यह है कि पूरे देश में ऐसी ही तस्वीर दिखाई देती है। इसका सबसे बड़ा कारण किन्नरों के बारे में जानकारी का अभाव होना है।
'कोई तो करता है शुरुआत'
आम तौर पर देखा गया है कि पुरुष और महिलाओं से इतर इनके लैंगिक भेद के अलावा ज्यादातर लोग कुछ भी नहीं जानते हैं। इनकी जीवन शैली से लेकर उपलब्धियों तक की जानकारी का अभाव है। मेन स्ट्रीम मीडिया भी इनको लेकर ज्यादा सजग नहीं दिखता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए किन्नरों के लिए काम करने करने वालीं हैदराबाद निवासी किन्नर रचना मुद्राबॉइना ने एक यूट्यूब चैनल 'ट्रांसविजन' शुरू किया है। अपने समाज की उपलब्धियों और जीवन शैली से लेकर स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों तक की जानकारी से भरपूर इस चैनल को पसंद किया जा रहा है। हालांकि अभी शुरुआत है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही लोग इसे जानने लगेंगे।
बदलाव के लिए जरूरी
चैनल के बारे में रचना बताती हैं कि लंबे समय से हमारा समाज आम लोगों के बीच हंसी का पात्र बना रहा है। पुलिस से लेकर आमजन तक हमें निशाना बनाते हैं। मगर, अब समय आ चुका है कि हम दुनिया को बताएं कि मजाक से इतर भी हमने बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं। वैसे ही शुरुआत कभी न कभी कोई न कोई तो करता ही है तो हमनें भी वही किया।
शांत करेंगे सबकी जिज्ञासा
रचना के मुताबिक, हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि वास्तविकता में किन्नर कौन होते हैं। किन्नरों के बारे में लोगों की हर जिज्ञासा को शांत करना चाहते हैं। हमारे चैनल की वेब सिरीज में एक एपिसोड दुनियाभर में नाम कमा रहे किन्नरों की उपलब्धियों को लेकर है। वहीं, एक अन्य कड़ी में हम किन्नर समाज को लेकर दिए गए न्यायालयों के निर्णयों के साथ सरकारी नीतियों की जानकारी भी दे रहे हैं। अंजलि, कल्यानापु, जाह्नवी राय और सोनिया शैक भी वेब सिरीज में रचना के साथ जुड़े हैं। उनका मानना है कि समाज में फैले भ्रम को तोड़ना बहुत जरूरी है। हम लोगों तक अपने समाज के बारे में सही जानकारी पहुंचाना चाहते हैं। आज के दौर में सोशल मीडिया एक सशक्त माध्यम है, इसीलिए हम इसका सहारा ले रहे हैं।
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