ट्रैकमैन की सूझ बूझ से टला बड़ा रेल हादसा

रेलवे का एक बड़ा हादसा दो ट्रैकमैनों की सूझबूझ से टल गया। ट्रैकमैन प्रियस्वामी और रामनिवास जब दिल्ली के यमुना ब्रिज और तिलक ब्रिज के बीच ट्रैक की जांच कर रहे थे तभी उन्हें पटरियों के एक सेक्शन के बीच कुछ इंच का गैप दिखाई दिया, और उसी तरफ तेज रफ्तार में शिवगंगा एक्सप्रेस आ रही थी। प्रियस्वामी ने ट्रेन को आते जैसे ही देख वो बिना अपनी चिंता कि लाल गमछे को लेकर ट्रेन की ओर दौड़ पड़े। अपने लाल गमछे से उन्होंने ड्राइवर को अलर्ट कर दिया, जिससे ट्रेन पटरी के टूटे हुए हिस्से से पहले ही रुक गई।
इससे पहले भी रामनिवास ने गैप की जानकारी अधिकारियों को देकर रेल हादसा होने से रोका था। लेकिन इस बार स्टेशन मास्टर को सूचित करने के लिए उनके पास फोन नहीं थे। प्रियस्वामी ने बताया कि वे लोग सुबह आठ बजे के आस पास ट्रैक की जांच कर रहे थे। हमने देखा कि पटरी बीच से टूटी है, अगर ट्रेन इस पर चलती तो पटरी से उतर जाती। इसी पटरी पर वाराणसी से शिवगंगा एक्सप्रेस भी आ रही थी। जैसे ही हमें ट्रेन का हार्न सुनाई दिया हमने अपना गमछा उठाया और उसे लहराते हुए आगे बढ़ने लगे जिससे ड्राइवर को पता चल ज कि कोई गड़बड़ी है। राम निवास ने कहा, '50-60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आ रही ट्रेन को रुकने के लिए कम से कम 100 मीटर की दूरी चाहिए होती है। ट्रेन यमुना ब्रिज पर पहुंच चुकी थी और यह तेज स्पीड में होती तो हमें कुचलते हुए भी निकल सकती थी।
प्रियस्वामी ने बताया कि हालांकि ड्राइवर ने हमारे इशारे को समझ लिया था और ट्रेन को पहले ही रोक दिया। इसके बाद ड्राइवर ने हमारा शुक्रिया भी अदा किया। घटना के बाद ट्रैक की मरम्मत होने में लगभग आधे घंटे का समय लगा। घटना के समय ट्रेन यात्रियों से भरी हुई थी।
राम निवास ने बताया कि हमारे दिमाग में केवल यात्रियों की सुरक्षा का ख्याल रहता है। मैंने अपने जीवन में बिहार में हुई ट्रेन दुर्घटना को देखा था, इसके पीछे के कारणों को भी जानता हूं। इसलिए जब भी मैं ट्रैक की जांच करता हूं तो ऐसी घटना कभी नहीं होने दूंगा।'
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