इस डीएम ने अपनी बेटी का यहां एडमिशन कराकर जीत लिया लोगों का दिल

अगर बच्चों के पढ़ाई की बात आती है, तो सबसे पहले सभी को प्राइवेट स्कूलों की याद आती है। समाज में उच्च व मध्य वर्ग के लोगों में अब ये ट्रेंड बन गया है। सभी अपने बच्चों को सुख-सुविधाओं वाले प्ले स्कूल या फिर महंगे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाना पसंद करते हैं, लेकिन लोगों की इसी धारणा को बदलने का काम कुछ अफसर कर रहे हैं। अभी कुछ समय पहले उत्तराखंड में चमोली जिले की डीएम स्वाति एस. भदौरिया ने अपने बेटे का प्ले स्कूल या फिर बोर्डिंग स्कूल में भेजने के बजाय सरकारी स्कूल में एडमिशन कराया था। वहीं, अब तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले की कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश ने भी नजीर पेश की है। उन्होंने अपनी बेटी को किसी महंगे प्ले ग्रुप स्कूल में भेजने की बजाय आंगनबाड़ी में एडमिशन कराया है।
बता दें कि 2009 बैच की आईएएस अधिकारी शिल्पा प्रभाकर सतीश तिरूनेलवेली की पहली महिला कलेक्टर और आंगनबाड़ी केंद्रों की बड़ी समर्थक है। जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने आखिरकार ऐसा निर्णय लिया है, जो वास्वत में काबिले तारीफ है। डीएम शिल्पा प्रभाकर सतीश का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र समेकित बाल विकास केंद्र होते हैं। जहां पर बच्चों के स्वास्थ्य का बहुत ही अच्छी तरीके से ख्याल रखा जाता है। इसलिए अपनी बेटी का आंगनबाड़ी केंद्र में एडमिशन कराया है। जिले में उनके इस कदम की अब हर तरफ तारीफ हो रही है।
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डीएम के घर के पास चलता है आंगनबाड़ी केंद्र
आंगनबाड़ी केंद्र पर अपने बच्चे को भेजने वाली डीएम शिल्पा प्रभाकर के घर के पास केंद्र संचालित होता है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित केंद्र पर अपने बच्चे का एडमिशन क्यों कराया है, तो इस उन्होंने कहा कि "हम (सरकार) ही तो आंगनबाड़ी केंद्रों को बढावा देते हैं और अगर अपने बच्चे को नहीं भेजते हैं, तो गलत प्रभाव जाता है।
उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी वहां पर पढ़ने जाएं और समाज के सभी वर्गों के बच्चों के साथ समय बिताएं और जल्दी ही तमिल भाषा सीखे। हमारे आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी सुविधाएं होती है। केंद्र मेरे घर के बिल्कुल पास है और वह (उनकी बेटी) लोगों से मिलती है और वहीं खेलती है। उन्होंने बताया कि तिरूनेलवेली के हजारों आंगनबाड़ी केंद्रों पर अच्छे शिक्षक नियुक्त है और वह लोग बच्चों की देखभाल करने में समक्ष भी है। हमारे आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधारभूत ढांचा तथा खेलने की सामग्री भी उपलब्ध है।"
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