क्वारंटाइन केंद्र बनाने के लिए इस कश्मीरी ने प्रशासन से सौंपा 80 कमरों का होटल

चीन की धरती से शुरू हुए कोरोना की चपेट में दुनिया के करीब 150 देश आ चुके हैं। कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए अथक प्रयास के बाद भी इस पर काबू नहीं किया जा सका है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी दवा भी खोज रहे हैं, लेकिन यह बात स्पष्ट है कि सावधानी बरती जाए तो इसको कम किया जा सकता है। जनजागरण अभियान में इस बात पर बल दिया जा रहा है कि लोग अपने घर से बाहर न निकलें। इस दौरान एक शब्द बहुत ही तेजी से चर्चा में आया है और वह है क्वारंटाइन। क्वारंटाइन या एकांतवास का सीधा अर्थ यह है कि किसी संदिग्ध मरीज को दूसरे लोगों से अलग कर देना। अगर ऐसा लगता है कि कोई शख्स कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया है या सर्दी-जुकाम से पीड़ित है तो उस शख्स को एक कमरे तक ही सीमित कर दिया जाता है। इसकी वजह से दूसरे लोग प्रभावित नहीं होंगे।
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डल झील का शाह अब्बास होटल बना क्वारंटाइन केंद्र
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने एयरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन और अस्पतालों में क्वारंटाइन के लिए वार्ड बना रखे हैं। इस बड़ी मुसीबत में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर लोगों ने भी चलाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में एक राहत देने वाली खबर श्रीनगर से आ रही है। जहां पर डल झील के किनारे स्थित एक प्रतिष्ठित होटल के मालिक ने क्वारंटाइन केंद्र बनाने के लिए अपना होटल दे दिया। होटल के मालिक डॉ. इरशाद ने शनिवार को अपने होटल की चाबी प्रशासन को सौंप दी। इरशाद के होटल में 80 कमरे हैं, जिनमें से 70 कमरों को छात्रों के लिए खोल दिया गया है। प्रशासन उनके होटल में विदेश से आने वाले छात्रों को यहां पर रुकवाएगा। दरअसल, इस समय विदेश से आ रहे छात्रों को रोकने के लिए प्रशासन ने कई होटलों से क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करने के लिए सहयोग मांगा था, लेकिन ज्यादातर होटल प्रबंधकों ने ऐतराज जताते हुए इनकार कर दिया। मगर डल झील के किनारे स्थित होटल शाह अब्बास के मलिक डॉ. इरशाद ने जिला प्रशासन से संपर्क कर क्वारंटाइन केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी निजी संपत्ति देने की पेशकश की। कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन की मदद करने पर जिला उपायुक्त डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर होटल की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा टाइगर जिंदा है, हमें श्री इरशाद की सराहना करनी चाहिए जिन्होंने हमारी मदद के लिए अपने होटल की चाबी हमें सौंप दी।
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कश्मीर में रोजाना पहुंच रहे 150-200 लोग
श्रीनगर में इस समय प्रतिदिन 150 से 200 लोग विदेशों से आ रहे हैं। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने सावधानी के तौर पर 50 से अधिक सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों और होटलों को क्वारंटाइन केंद्र बनाया है। विदेश से आने वाले संदिग्ध लोगों को यहां पर रखा जा रहा है। इस संबंध में होटल के मालिक डॉ. इरशाद ने कहा कि मेरे नाम के साथ डॉक्टर लगा है, मैं प्रैक्टिस नहीं करता हूं, एक बिजनेसमैन हूं। लेकिन मुझे जब होटलों को क्वारंटाइन केंद्र बनाने की जानकारी मिली, तो मैंने प्रशासन को बिना किसी देरी के देने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि वैसे भी इस समय घाटी में पर्यटक नहीं आ रहे हैं और होटल पिछले कई दिनों से बंद हैं। ऐसे में बंद कमरे किसके काम आते हैं। कोरोना को लेकर होटल के मालिक ने कहा, हम सबको इससे बचने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और मैंने यही प्रयास किया है।
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