जानिए कैसे रायपुर के ये दंपत्ति लोगों के लिए बने नजीर

जहां एक तरफ कई बार जानवरों से जुड़ी क्रूरता की खबरें सुनने में आती हैं तो वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो जानवरों को इंसानों के बराबर प्यार देकर नजीर पेश करते हैं।
ऐसे ही एक डॉक्टर दंपति हैं रायपुर में पेंशन बाड़ा टैगोर नगर निवासी निशा मुखर्जी व सुबीर मुखर्जी। यह पति-पत्नी बीते 20 वर्षों से बेजुबान जानवरों के लिए अलग से भोजन की व्यवस्था करते हैं जिससे वो भूखे न रहें।
डॉ निशा ने बताया कि उन्हें बचपन से ही जानवरों से प्यार है, जब भी कोई जानवर भूखा दिखता था तो वो पूरी कोशिश करती थीं कि उसे कुछ खाने को दे सकें। धीरे-धीरे ये उनकी आदत में आ गया और जब उनकी शादी हुई तो भी ये रूटीन बदला नहीं। वो हर शाम चावल, दाल बनाकर अलग-अलग कटोरों में रखती हैं और ऊपर से दूध भी डालती हैं। इसके लिए सारा राशन अलग से खरीदकर पहले ही रख लिया जाता है।
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आस-पास के लोग करते थे विरोध
डॉ. निशा मुखर्जी बताती हैं कि पहले जब आसपास के लोग मुझे जानवरों को खाना देते हुए देखते थे तो उन्हें बुरा लगता था। उनका मानना था कि मेरी वजह से मोहल्ले में कुत्ते सड़कों पर जाम लगाकर खड़े हो जाते हैं। इस बात से उन्हें परेशानी थी लेकिन मैंने अपना काम जारी रखा और उन्हें समझाया भी कि जैसे हमसे भूख नहीं कंट्रोल होती है वैसे ही जानवर भी हैं वो तो किसी से कह भी नहीं सकते कि उन्हें भूख लगी है।

डॉग कैचर से भी छुपाया
डॉ निशा की बातों का असर लोगों पर पड़ा और धीरे-धीरे उन्होंने ऐतराज करना बंद कर दिया। शाम को जब मोहल्ले में भीड़ कम होती है तब उन्हें खाना दिया जाता है। कहते हैं जानवर हमसे ज्यादा समझदार होते हैं खाना खाकर वो आराम से चुपचाप अपने-अपने ठिकानों को चले जाते हैं। डॉ. निशा बताती हैं कि कई दफा डॉग कैचर भी आए हैं तो कुत्तों को बचाने के लिए मैंने उन्हें अपने घर में ही छुपा लिया क्योंकि मेरे लिए वो बहुत प्रिय हैं।
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