बेहतर समाज के निर्माण में अहम जिम्मेदारी निभा रही ये लड़कियां

आज हम आपको दो ऐसी बच्चियों की कहानी बता रहे हैं, जिसके काम को देख कर आप भी सोचेंगे की इनती कम उम्र में इतनी बड़ी सोच रखाना सही में बड़ी बात है। हम बेंगलुरू की गर्विता गुलाटी और पूजा तानावड़े की बात कर रहे हैं। जो महज 18 साल की उम्र में ही बड़ा काम कर रही है। गर्विता और पूजा का जीवन पूरे उत्साह से भरा हुआ है। आप जब इन दोनों से बात करेंगे तो आप भी सकारात्मक हो जाएंगे।
पानी के लिए बना रही हैं देश को जिम्मेदार
गार्विती और पूजा ने Why Waste जैसे प्रभावी संस्था की संस्थापक है। ये पानी के प्रति लोगों की जिम्मेदारी क्या होनी चाहिए इसके लिए मुहिम चला रहे हैं। ये दोनों अपने अभियान के तहत लोगों को पानी के प्रति जिम्मेदार भी बना रही है। ये दोनों तथ्य के साथ लोगों को अपनी बातें समझाती हैं और उसे पानी की सच्चाई और भविष्य के बारे में बताती है। ये दोनों लड़कियां हम सभी के समान ही हैं। जैसे बचपन में हम सभी को खेलना, पेंट करना, डांस करना, गाना सुनना और गाना और हैरी पॉटर जैसी फिल्में देखना पसंद होता है, वैसे ही इन दोनों बच्चियां को भी ये सब पंसद हैं। लेकिन उन्होंने इनती छोटी उम्र में कुछ ऐसी शुरुआत करने की ज़िम्मेदारी उठाई है जो दूसरों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में मदद करता है। आइए देखते हैं कि उनका सफर कहां तक पहुंचा है।
एक प्रजेंटेशन ने खोली आंखें
गर्विता ने बातचीत में बताया कि वो इस काम को कैसे शुरू की। उसने कहा पहले हम लोगों ने बहुत कुछ करने का प्लान किया एक बार हमने कचड़े पर काम करने के बारे में सोचा लेकिन जब हमें एक प्रजेंटेशन के जरिए ये पता चला कि हर दिन रेस्तरां से 14 मिलियन लीटर पानी बर्बाद हो रहे हैं तो इस आंकड़े ने हम सभी को सदमें में डाल दिया। हमने पहले सोचा कि इस पर काम शुरू करना चाहिए फिर हम लोगों ने कहा कि पहले ही बहुत देर हो चुकी है। इसलिए हम लोगों के पास सोचने के लिए वक्त नहीं है। इस प्रजेंटेशन ने हम लोगों कीआंख खोल कर रख दी। हम पर्यावरण की भलाई के लिए बहुत सारा काम कर सकते हैं।
ये दोनों लड़कियां बताती हैं कि कैसे हम पानी को अपने जीवन बचा सकते हैं। गर्विता बातचीत के दौरान आगे कहा कि "आप एक बहुत ही प्राथमिक स्तर पर बदलाव ला सकते हैं, जैसे की रोज सुबह अपने दांतों को ब्रश करते हुए आप एक गिलास पानी का उपयोग करें, ये एक छोटा सा कदम होगा लेकिन इसका फायदा भविष्य में जरूर मिलेगा। वहीं जब आप अपने घर में एक साथ खाने के लिए बैठते हैं तो खाना खा कर उठने से पहले आप इतना तय कर लें कि आपके टेबल पर रखा पानी का ग्लास खाली हो जाए।
चुनौतियां भी कम नहीं
गर्विता बताती हैं कि, हम लोगों के पास चुनौतियां बहुत ज्यादा होती हैं। पहले तो जब भी हम किसी रेस्तरां में जाते थे तो हमारी उम्र कम होने की वजह से वहां के लोग हमसे बात करने से मना कर देते थे। पहले जब हम इस काम को शुरू किया तो रेस्तरां में आए 10 में से 8 लोगों ने हमसे बात करने से मान कर दिया। लेकिन हमने हार नहीं मानी और अब समय के साथ लोगों के द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। हमें खुद पर भरोसा है और विश्वास भी है कि हम लोगों के अंदर जागरुकता बढ़ा सकते हैं। इसके लिए अब हम अपनी उम्र का भी उपयोग बखूबी कर रहे हैं। लोग हमें और हमारे काम को देख कर ये बोलते हैं कि इतनी कम उम्र में ये बच्चे इस तरह का काम कैसे कर सकते हैं! उनकी ये बात सुन कर हमें हमारे काम पर गर्व होता है और दिल खुश होता है। साथ ही काम को और बढ़-चढ़ कर करने के लिए प्रेरणा भी मिलती है।
कौन हैं गर्विता और पूजा?
गर्विता PES विश्वविद्यालय, बेंगलुरु से बीटेक की छात्र है। इसके अलावा अब ये Why Waste पर भी काम करती हैं। इसके तहत वो ऐसे सभी रेस्तरां की लिस्ट तैयार कर रही हैं, जहां पानी की बर्बादी ज्यादा हो रही है। ये रेस्तरां से निकलने वाले बेकार चीजों के बारे में भी सोच रही हैं कि कैसे उसे डीकंपोस्ट कर उसे खाद बनाने में उपयोग किया जाए। साथ ही जब ये बन जाएगा तो उस खाद को रेस्तरां फिर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग जैविक खाद के रूप में भी किया जा सकता है।
गर्विता और पूजा हैं प्रेरणास्त्रोत
गर्विता और पूजा इतने कम उम्र में जो काम कर रही है, वो हम से कई लोगों के लिए प्रेरणा है। अगर हमारे समाज में गर्विता और पूजा की तरह ही हर इंसान सोचने लगे तो फिर समाज में को बदलने में देर नहीं होगी। हम सभी को अपने स्तर पर समाज में परिवर्तन के लिए काम करना चाहिए।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
