तमिलनाडु की सारा को मिला सबसे 'छोटी जीनियस' का खिताब
तमिलनाडु में रहने वाली छह साल की सारा को बीते दिनों सबसे छोटी जीनियस का खिताब दिया गया है। सारा ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर कविता पढ़ते हुए 2 मिनट 7 सेकंड में 2x2 रूबिक्स क्यूब हल कर दिया। ये सबको हैरान कर देने वाला था और यही देखकर तमिलनाडु क्यूब एसोसिएशन ने वेल्लामल स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा सारा को दुनिया की सबसे छोटी जीनियस खिताब दिया है।
सारा का ये करिश्मा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल है। सारा पिछले चार महीनों से रूबिक क्यूब खेल रही हैं और उनका आईक्यू अपनी उम्र के बच्चों से कहीं ज्यादा है। वो अब तक पांच अवार्ड जीत चुकी हैं। क्यूब खेलने के अलावा सारा को कविताएं पढ़ने का भी शौक है। उनके मां बाप के लिए ये बड़ी खुशी की बात है कि हर कोई उनको कहता है कि आपकी बेटी तो जीनियस है। सारा से पहले इसी साल 20 मई, 2019 को बीस साल के चिन्मय प्रभु ने पानी के भीतर रूबिक क्यूब की गुत्थी सुलझाकर अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया था।
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सारा की ये विलक्षण प्रतिभा देखकर हर कोई हैरान है कि इतनी छोटी बच्ची कैसे ये सब कर लेती है। इस पर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि विलक्षण प्रतिभा वैसे तो बच्चों में आमतौर पर अनुवांशिक होती है लेकिन ऐसा होना जरूरी भी नहीं। जीनियस बच्चे की पहचान के लिए विशेषज्ञों ने कुछ पैमाने बनाए हैं, जैसे असामान्य याददाश्त, हर वक्त सवाल करना, म़जाकिया लहज़ा, संगीत में आगे, कम उम्र में फर्राटेदार पढ़ाई, किसी खास विषय में गहरी रुचि, दुनिया भर की घटनाओं की जानकारी आदि।
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सारा की ही तरह इंग्लैंड में रह रही भारतीय मूल की 12 वर्षीया राजगौरी पवार का दिमाग और आईक्यू क्षमता आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी तेज पाई गई है। दुनिया में 20,000 लोग ही इतना अधिक स्कोर पाने में सफल रहे हैं, जिनमें से राजगौरी एक है।
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