कुछ इस तरह क्लैट टेस्ट में तीन दोस्तों ने रचा इतिहास, टॉप थ्री पर आने का ये है राज

पिंक सिटी जयपुर के तीन दोस्तों ने इस बार कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) में इतिहास रच दिया। एक साथ पढ़ाई करके तीनों ही दोस्तों ने देश की प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप थ्री की पोजिशन हासिल की है। पहले तीन स्थानों पर आने वाले छात्रों ने एक ही इंस्टीट्यूट से तैयारी की। एक साथ तैयारी का तीनों ही दोस्तों को फायदा मिला और देश के प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में पढ़ने का सपना साकार किया। बता दें कि देशभर के 59 हजार छात्रों में तीनों ही दोस्त सबसे अनमोल निकले।
एक ही कोचिंग में पढ़कर साकार किया सपना
जयपुर के 17 साल के अमन गर्ग ने दो सौ में से 159 अंक हासिल कर पहला स्थान, देवांश कौशिक ने 157.5 अंक लेकर दूसरा और अनमोल गुप्ता ने भी 157.5 अंक लेकर देशभर में तीसरा स्थान हासिल किया है। तीनों दोस्तों ने राजस्थान का नाम रोशन कर दिया है। ये परिणाम आने के बाद तीनों ही दोस्तों के परिजन फूले नहीं समा रहे हैं। वही जिस कोचिंग में तीनों ही छात्र पढ़ते थे उसमें में भी खुशी का माहौल है और इंस्टीट्यूट का भी नाम पूरे देश भर में हो रहा है। बता दें कि इस बार परिणाम के आधार पर देश की 19 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटियों में 2 हजार 340 सीटों पर प्रवेश होंगे। खास बात यह है कि इंस्टीट्यूट के मॉक टेस्ट एवं अन्य प्रेक्टिस टेस्ट में तीनों ही पहले तीन स्थान हासिल करते थे। तीनों ने कहा कि परीक्षा की तैयारी के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए यही प्रेरित करता है।
अमन गर्ग
क्लैट में टॉप करने वाले 17 वर्षीय अमन गर्ग जयपुर के दुर्गापुरा के निवासी है। अमन गर्ग के पिता अरुण गर्ग राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हैं और उनकी मां गृहिणी है। क्लैट के जरिए बेहतर इंस्टीट्यूट में पढ़ने का सपना रखने वाले अमन दो साल से तैयारी कर रहे थे और औसतन 8 घंटे प्रतिदिन करते थे। उन्होंने परीक्षा के दिनों में 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे तक पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि पिता का तबादला होने के कारण उनकी मां ने उनका काफी सहयोग किया। गर्ग का कहना है कि मेरा फोकस घंटे कहीं ज्यादा विषय को समझना रहता था। वे कहते हैं कि मैं विषय को समझने में अधिक महत्व रखता था। मेरे पास हर घंटे का हिसाब रहता था कि मुझे आज कौन-कौन से विषय पढ़ने है। वह कहते हैं कि हर दिन नया टारगेट लेकर ही पढ़ाई की जाती थी ताकि विषय क्लियर हो सके। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए हमने सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली ताकि हमारी पढ़ाई में कोई बाधा न पहुंचे। उन्होंने कहा मैंने 10वीं क्लास के बाद से ही तैयारी शुरू कर दी और करंट अफेयर्स पर खास जोर दिया।' अपने समय का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने के लिए गर्ग ने परीक्षा से कुछ महीने पहले प्रैक्टिस पर ध्यान दिया। वह क्लैट के 90-100 मॉक टेस्ट रोजाना देता था।

देवांश कौशिक
दूसरे स्थान पर आने वाले देवांश कौशिक के पिता जयपुर में प्रधानाध्यापक और माता लेक्चरर हैं। जवाहर सर्किल के पास रहने वाले देवांश ने बताया कि उन्होंने पिछले मार्च में तय किया कि क्लेट की परीक्षा देंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड की परीक्षा के साथ क्लेट की परीक्षा की तैयारी करना काफी कठिन होता है। इस कारण उन्होंने क्लेट को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि मॉक टेस्ट और प्रेक्टिस टेस्ट का काफी ध्यान रखा। देवांश के अनुसार घर में सभी लोगों के पढ़े लिखे होने के कारण परिवार ने पढ़ाई के लिए शानदार माहौल दिया। हमने टेक्स्टबुक की तैयारी पर फोकस किया। उन्होंने बताया, 'मैं तैयारी के दौरान 8-10 घंटे पढ़ाई को समर्पित करता था। मैंने 11वीं के बाद ही मन बना लिया था कि लॉ की पढ़ाई करूंगा।' उन्होंने बताया कि वह परिवार के सहयोग से ही सफलता हासिल कर सके हैं। उन्होंने कहा कि हम तीनों ने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में पढ़ने का फैसला लिया है। देवांश ने बताया कि हम तीनों दोस्त परेशानी होने पर चर्चा जरूर करते थे, लेकिन पढ़ते समय साथ नहीं बैठते थे। अमन के अनुसार पढ़ने के लिए एकाग्रता जरूरी है, चाहे साथ पढ़ें या अकेले।
अनमोल गुप्ता
18 वर्षीय अनमोल गुप्ता के पिता बिजनेसमैन है और मां वास्तु विशेषज्ञ। अनमोल ने बताया कि उन्होंने पूरे साल जी-जान से तैयारी की। पूरे पाठ्यक्रम को कवर करने के बाद दो-तीन बार दोहराया। उन्होंने कहा कि दोस्तों की संगत का पढ़ाई पर बड़ा असर पड़ता है। हम तीनों एक दूसरे की परेशानी दूर करते थे, भले ही पढ़ते समय अलग-अलग बैठते थे। उन्होंने बताया कि मैंने पिछले भी साल परीक्षा दी थी लेकिन मेरी रैंक 657 आई थी। मेरा प्रदर्शन बहुत खराब था। मेरे पास इसको लेकर कोई शब्द नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस बार हमने पैटर्न के अनुसार अपने को तैयार किया तथा प्रतिदिन का लक्ष्य तय किया और उसी के अनुसार तैयारी की। जिसके अनुसार ही हम अपने लक्ष्य को आसानी से पा सके है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
