जामिया, जेएनयू और अलीगढ़ विवि के सपोर्ट में आए टॉप लॉ कॉलेजों के छात्र
केंद्र सरकार की तरफ से नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देशभर में विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्वोत्तर में लोग सड़क पर उतरकर अपनी बात कह रहे हैं तो वहीं कॉलेजों और विश्वविद्यालय में भी इस कानून का विरोध किया जा रहा है। जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में रविवार को छात्रों पर पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार के बाद कानून के छात्र भी इस विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ खड़े हो गए है। देश के टॉप लॉ कॉलेजों के छात्रों ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (जेएमआई) के छात्रों का समर्थन किया है।
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सोमवार को एनएलएस, एनयूएएलएस, एनएएलएएसआर, एमएनएलयू मुंबई, एमएनएलयू नागपुर, एनएलयू और एनयूएसआरएल के छात्रों ने संयुक्त रूप से बयान जारी करके जेएनयू, जेएमआई और एएमयू के छात्रों का समर्थन और साथ खड़े होने की बात कहीं है। इन छात्रों के अलावा एनएलयूडी के छात्र परिषद, एनएलयूजे और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के छात्रों ने कानूनी सहायता क्लिनिक द्वारा जारी किए गए है। दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर के छात्र संघ ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की निंदा करते हुए बयान जारी किया गया है।
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बता दें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लागू करने के खिलाफ पूरे देश में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया था। पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। इसके अलावा विश्वविद्याल परिसर में जबरदस्ती प्रवेश करके आंसूगैस के गोले भी इस्तेमाल किए गए थे।
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बता दें नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को लागू करने के खिलाफ पूरे देश में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस ने अत्यधिक बल का प्रयोग किया था। पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। इसके अलावा विश्वविद्याल परिसर में जबरदस्ती प्रवेश करके आंसूगैस के गोले भी इस्तेमाल किए गए थे।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली (एनएलयूडी) के छात्र परिषद ने एक पत्र जारी करके कहा, "हम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के छात्र अन्य विश्वविद्यालयों में अपने समकक्षों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं और जो अन्यायपूर्ण है उसके खिलाफ खड़े होने के उनके साहस की प्रशंसा भी करते हैं। हम जामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ विश्वविद्यालय के छात्रों पर दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बल के इस अनुचित प्रयोग की कड़ी निंदा करते हैं।"
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दिल्ली के अलावा अन्य कई नेशनल लॉ स्कूलों ने भी संयुक्त बयान जारी करके भारी असंतोष व्यक्त किया है। सभी ने कहा कि "स्वस्थ लोकतांत्रिक और राजनीतिक वातावरण में असंतोष एक आवश्यक घटक है।"
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संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है कि "प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ इन कार्यों ने उनके जीवन को खतरे में डालने वाली संवैधानिक सुरक्षा का उल्लंघन किया है और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए शर्म की बात है कि हम संजोते हैं और पालने का प्रयास करते हैं।"
प्राइवेट लॉ कॉलेज में जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने एक बयान जारी करके कहा, "जेजीएलएस जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर पुलिस ने जिस तरह से निहत्थे छात्रों पर हमला किया है, उसकी हम निंदा करते हैं और छात्रों को मजबूती प्रदान करने के लिए हम उनको अपना समर्थन देते हैं।"
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