मनमोहन सिंह की किताबों को पढ़ेंगे अब पीयू के छात्र
जिन किताबों को पढ़कर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में देश विदेश में ख्याति हासिल की है अब उन किताबों को पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) के छात्र पढ़ेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) को अपने संग्रह से 3500 किताबें दी हैं। इनमें से कुछ किताबें ऐसी भी है जिनको उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में पढ़ा था। पंजाब यूनिवर्सिटी से ही उन्होंने बीए तथा एमए अर्थशास्त्र से किया था। इसीलिए पीयू उनके सम्मान में एक लाइब्रेरी बनाएगी। अपने नाम से लाइब्रेरी बनने के कारण वे इसमें रुचि ले रहे हैं और ये लाइब्रेरी छात्रों के लिए काफी उपयोगी हो इसीलिए उन्होंने अधिक से अधिक किताबें दान की है।
किताबें दान करने की स्वयं जताई इच्छा
अपने नाम पर बनने जा रही इस लाइब्रेरी को लेकर उन्होंने पीयू के वीसी प्रो. अरुण ग्रोवर और रजिस्ट्रार को पिछले सप्ताह दिल्ली बुलाया था और अपनी किताबें पीयू को देने की बात कही। उन्होंने इच्छा जताई कि युवा पीढ़ी इन किताबों से ज्ञान अर्जित करे। मनमोहन ने वर्ष 1952 में बीए और 1954 में एमए अर्थशास्त्र पंजाब यूनिवर्सिटी से ही की थी। उन्होंने तब से किताबें सहेज कर रखी हुई हैं। उन्होंने किताबों का संग्रह दिल्ली में करके रखा है। इसलिए अब किताबों को मनमोहन के दिल्ली आवास से चंडीगढ़ लाने का प्रबंध किया जा रहा है। पीयू प्रशासन इस बात का विशेष ध्यान रख रहा है कि किताबों को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके लिए कुछ अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
खास होगी पूर्व पीएम के नाम पर बनने वाली लाइब्रेरी
पीयू में पूर्व पीएम के नाम पर बनने जा रही लाइब्रेरी के लिए जगह सुनिश्चित कर ली गई है। गुरु तेग बहादुर भवन में लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसकी डिजाइनिंग और ऐसा लुक दिया जाएगा, इसमें उनकी जीवनी को भी दर्शाया जा सके ताकि लाइब्रेरी में पढ़ने के लिए आने वाली युवा पीढ़ी उनकी जीवनी से कुछ सीख सकें। पीयू की योजना है कि पूर्व पीएम के घर में लगी पुरानी कलाकृतियों व फोटो को भी सहेजा जाए। उनकी जिंदगी के किस्सों को भी पीयू लाइब्रेरी में डिस्प्ले किया जाएगा। इसमें उनके बाल्यकाल, पढ़ाई, नौकरी से लेकर राजनीति में आने, देश में आर्थिक सुधार लाने और पीएम बनने तक का सफर शामिल होगा।
पीयू की पर्यटकों को लुभाने की तैयारी
पीयू प्रशासन की योजना है कि भविष्य में पीयू को एक टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित किया जाए। इसे कुछ इस तरह से विकसित किया जाए ताकि सुखना लेक और रॉक गार्डन की तरह यहां भी विदेशी सैलानी आएं। मनमोहन के नाम की लाइब्रेरी बनाना इसकी शुरुआत भर है। अपनी एल्युमनी के चलते देश के शैक्षणिक संस्थानों में दूसरे स्थान पर काबिज पीयू खुद को विदेशों में प्रमोट करना चाहता है। पीयू प्रशासन इस लाइब्रेरी का उद्घाटन भी जल्द कराना चाहता है। पूर्व पीएम 10 अप्रैल को सेक्टर-19 स्थित क्रिड (सेंट्रल फॉर रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्टियल डवलपमेंट) आ रहे हैं और 11 अप्रैल को पीयू में लेक्चर देंगे।
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