इस एसपी ने की अच्छी पहल, महिलाओं के लिए सभी थानों में बनावा रहे संवेदना केंद्र
यह पहल भारत में अपने आप में बिल्कुल ही अलग और दूसरों को प्रेरणा लेने लायक है। पुलिस स्टेशन में महिला फरियादियों व महिला पुलिसकर्मियों को सुविधाएं देने के लिए संवेदना केंद्रों की स्थापना की गईहै। थाने पर पहुंचने वाली महिला शिकायतकर्ताओं के लिए अब सुविधायुक्त प्रसाधन कक्ष, जिनमें सेनेटरी नेपकिन की उपलब्धता, विशेष स्वागत- सहयोग कक्ष, महिला स्टॉफ, विधि सलाह और चिकित्सा आदि सहूलियते मुहैया कराई गई हैं।
युवा एसपी को मिला आइएसीपी अवार्ड
बिलासपुर जिले में पुलिस स्टेशनों की तस्वीर बदलने के लिए एसपी की पहल को सभी सलाम कर रहे हैं। कम्युनिटी पुलिसिंग पर अमेरिका के वर्जीनिया में दिए गए अपने प्रजेंटेशन पर बिलासपुर के युवा एसपी आरिफ शेख को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आइएसीपी) अवार्ड मिल चुका है। इसे आइपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अफसरों के लिए ऑस्कर अवार्ड की तरह ही माना जाता है। आरिफ ने बिलासपुर में भी अपनी सोच को अमली जामा पहनाया है। हालांकि अभी देश में ऐसे केंद्रों की दरकार है। आरिफ ने बताया कि उनके इस सुझाव को अमेरिका में भी सराहा गया और वहां इसे अमल में लाने पर विचार किया जा रहा है। बिलासपुर शहर के तोरवा थाने में आरिफ ने देश का पहला संवेदना केंद्र स्थापित कराया, जिसके बाद जिले के सीपत, रतनपुर व कोटा थाने में भी केंद्र स्थापित किए गए। इनके जरिये महिला पुलिसकर्मियों को भी काफी सहूलियत हो रही है।
एसपी की माने तो जिला स्तर पर महिला सेल व महिला थाने में उनके लिए व्यवस्था की जाती है, लेकिन शहर के साथ ही दूरदराज की महिलाओं को लंबी दूरी तय करने के साथ ही थानों का चक्कर लगाना पड़ता है। हर थाने में संवेदना केंद्र बनाए जाने से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। थानों में महिलाओं के लिए विशेष कक्ष की यह अवधारणा न केवल महिलाओं को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने बल्कि पुलिसिंग को महिलाओं के प्रति संवेदनशील बनाने की ओर एक कदम है। देश का पहला संवेदना केंद्र बिलासपुर के तोरवा थाने में खोला गया था, अब यहां हर थाने में इसे बनाने को लेकर प्रयास हो रहा है।
सेनेटरी पैड के लिए वैंडिंग मशीन
सेनेटरी पैड पर अब पूरे छत्तीसगढ़ में काफी बदलाव देखा जा रहा है। बिलासपुर के थानों में बने इन सर्वसुविधायुक्त संवेदना केंद्र में सेनेटरी पैड के लिए वैंडिंग मशीन भी लगाई गई हैं। पीड़ित महिलाओं के साथ ही थाने में तैनात महिला कर्मी भी मशीन में पांच रुपये का सिक्का डालकर पैड हासिल कर सकती हैं।
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