सिग्नल मेंटेनर की सूझबूझ से टला रेल हादसा
मध्य रेलवे में काम करने करने वाले एक सिग्नल मेंटेनर की सूझबूझ से एक मुंबई में एक रेल हादसा होने से बच गया। सिग्नल मेंटेनर संतोष कुमार को जब ये पता चला कि पटिरयों पर फ्रैक्चर है तो उन्होंने तुरंत वॉकी टॉकी पर भायखला केबिन को सूचित किया कि किसी ट्रेन को इस तरफ न आने दिया जाए लेकिन वहां से जवाब मिला कि एक ट्रेन उस ट्रैक पर डायवर्ट हो चुकी है। ऐसे में संतोष अपनी जान की परवाह किए बिना ही ट्रेन की ओर इशारा करते हुए दौड़ पड़े और ड्राइवर ने ट्रेन को फ्रैक्चर के कुछ फीट पहले ही रोक लिया। संतोष ने अपनी सूझबूझ और बहादुरी से एक हादसा होने से बचा लिया।
फ्रैक्चर की वजह से ट्रेन को 20 मिनट रोकना पड़ा, इसी बीच आई टीम ने इस फ्रैक्चर को ठीक किया और ट्रेन को मात्र 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजारा गया। खबरों के मुताबिक, डिविजनल रेलवे मैनेजर संजय कुमार पंकज ने संतोष की तारीफ करते हुए कहा, 'संतोष ने बहुत ही बहादुरी का काम किया है, सोमवार को उनको इनाम दिया जाएगा।'
संतोष ने जब अपने सिग्नल केबिन में थे तो उन्होंने लाइट फ्लैश होती हुई देखीं। इन लाइट्स का मतलब होता है खतरा लेकिन वो खतरा क्या है ये नहीं पता चल पाता लेकिन संतोष ने बाहर आकर जल्दी ही ये पता लगा लिया कि पटरियों पर फ्रैक्चर है। लेकिन उस वक्त तक आसनवांव-सीएसटी फास्ट लोकल पहले ही उसी ट्रैक के लिए डायवर्ट की जा चुकी थी। ऐसे में उनके पास ट्रैक पर दौड़कर ट्रेन रुकवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। ड्राइवर ने कहा, 'मैंने क्रैक देखा, वह इतना था कि कुछ भी हो सकता था। संतोष कुमार के काम के लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए।'
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