यूपी सरकार की नीतियों से महिलाओं को मिल रहे नए रोजगार

निंघासन खीरी की रहने वाली जगदेई देवी ई-रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं। पुरुषों के वर्चस्व वाले इस रोजगार में उन्हें अपने पांव जमाने की हिम्मत दी सरस्वती सहायता समूह (एसएचजी) ने। उन्हीं की तरह प्रदेश के कई जिलों में महिलाएं अपनी सफलता की कहानी लिख रही हैं।
जगदेई ही नहीं कई महिलाएं यूपी सरकार की लाभकारी योजनाओं के जरिए अपनी जिंदगी को बदल रही हैं। कोई जूते-जूतियां बना रहा है तो कोई अचार। कोई ई-रिक्शा चला रहा है तो कोई छोटे कुटीर उद्योग लगाकर स्वयं को व अपनी जैसी दूसरी महिलाओं के लिए आजीविका का साधन बन रही हैं। इन महिलाओं ने इस बात को चरितार्थ कर दिया है कि इच्छाशक्ति के दम पर कोई भी अपनी जिंदगी को संवार सकता है।
खुद के ई-रिक्शा से जुड़ने की कहानी को बयां करते हुए जगदेई मीडिया से कहती हैं कि उनके सामने खुद की आजीविका को चलाना एक दूभर सफर सा बन गया था। इस बीच क्षेत्र की महिलाओं का एक समूह बनाया गया। इस समूह में उनकी जैसी ही अन्य महिलाएं जुड़ी हुईं थीं। सभी ने एक-दूसरे को मदद का जरिया बनाया। जगदेई कहती हैं कि इस योजना के तहत मुझे 30 हजार रुपये चंदा जमा करके दिए गए। उन्हीं रुपयों से मैंने एक ई-रिक्शा ली। अब मैं इसे चलाकर अपने परिवार का पेट पाल रही हूं। साथ ही, अपने सरस्वती समूह की अन्य महिलाओं की मदद करने की भी कोशिश कर रही हूं। उन्होंने अपने सरस्वती एसएचजी को पिछड़ेपन का दंश झेल रही महिलाओं के लिए एक वरदान कहा है।
क्या है स्वयं सहायता समूह की योजना
वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियां कई घरों में उजाला का सबब बन रही हैं। ऐसी ही एक योजना है सरस्वती एसएचजी। इस योजना के तहत कई प्रशिक्षण और आर्थिक मदद पाकर उन रोजगारों से धन कमा रही हैं जिसमें पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता रहा है। यूपी की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार की नीतियां हर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कई तरह की योजनाएं लेकर आई हैं। इस बीच विभिन्न सहायता समूहों (एसएचजी) की मदद से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके तहत महिलाएं छोटे-छोटे समूह बनाकर सरकारी अफसरों की देखरेख में एक-दूजे को नए रोजगार शुरू करने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचा रहे हैं। नए काम की शुरुआत करने के लिए ये महिलाएं आपस में ही चंदा जमाकर एक-दूसरे को रोजगार की राह पर ला रहे हैं।
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