देश ही नहीं दुनिया भी मुरीद है 'ईको-बाबा' के मॉडल की

देश-दुनिया में 'ईको-बाबा' के नाम से चर्चित संत बलबीर सिंह सीचेवाल पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए अपने प्रयासों की वजह से जाने जाते हैं। उन्होंने अकेले 160 किलोमीटर तक नदी की सफाई करके एक नया कीर्तिमान अपने नाम किया है।इस मुहिम को पूरा करने के लिए संत सीचेवाल ने बड़ा संख्या में वालंटियर जुटाए और काली बैन नदी की सफाई का अभियान साल 2000 में शुरू किया। उस वक्त नदी घरेलू और इंटस्ट्री के अवशेषों की वजह से प्रदूषित थी और लुप्त होने की कगार पर थी। संत सीचेवाल ने अपने वालंटियर्स के साथ मिलकर न सिर्फ नदी पर जमी काई और कचरा हटाया बल्कि पानी का बहाव भी सामान्य बनाया। इसके बाद उन्होंने नदी के किनारे फूलों और फलों के पौधे लगाए, ईंटों की सड़कें बनाईं। उनके इस प्रयास से पंजाब के लोगों का आर्थिक और प्राकृतिक दोनों तरह से फायदा हुआ।
करीब 50 गांवों को लाभ
संत सीचेवाल मे अंडरग्राउंड सीवेज सिस्टम का मॉडल तैयार किया और उसे पंजाब सरकार से साझा किया। कम लागत वाले इस सिस्टम के जरिए सीवेज का पानी तालाबों में रीस्टोर किया जा सकता है और उसे दोबारा खेती और अन्य कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मॉडल के जरिए पंजाब के करीब 50 गांवों को लाभ मिल रहा है। पानी की सही उपलब्धता से किसानों को खेती में आसानी हो रही है और वे जैविक खेती की ओर अग्रसर हैं। इसके पहले पानी की कमी की वजह से यहां किसान आत्महत्या के मामले देखने को मिल रहे थे।
कलाम ने सीचेवाल को देश का रोल मॉडल बताया था
केंद्र सरकार ने भी गंगा की सफाई के लिए सीचेवाल मॉडल लागू करने की योजना पर विचार किया है। सरकार अब लोगों की मदद से गंगा की सफाई की मुहिम शुरू करना चाहती है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। संत सीचेवाल के काम की तारीफ देश ही नहीं विदेशों में भी हुई है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने कई भाषणों में संत सीचेवाल के नाम का जिक्र किया और उदाहरण के तौर पर लोगों को उनसे सीख लेने को कहा। उन्होंने सीचेवाल को देश का रोल मॉडल बताया था।
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