बेसहारा बच्चों की जिंदगी संवार रहा है 'सलाम बालक'

इस दुनिया में जिसका कोई नहीं उसका 'सलाम बालक' है। सलाम बालक ट्रस्ट बेसहारा बच्चों का सहारा है। ये ट्रस्ट बच्चों की देखभाल के लिए अच्छी से अच्छी सुविधाएं मुहैया कराता है।
यहां रहने वाले बच्चों को आधुनिक शिक्षा दी जाती है। दिल्ली-NCR में इस ट्रस्ट के 25 सेंटर्स हैं, जहां हर साल साढ़े आठ हजार बच्चों की देखभाल की जाती है।
एक बच्चा जो गरीबी के कारण घर से भागा था फिर सलाम बालक संस्था में पहुंचा और अब प्रोफेशनल फोटोग्राफर बन गया है। इस लड़के का नम विक्की है। विक्की आज इंटरनेशनल फोटोग्राफर बन चुके हैं। विक्की को फोर्ब्स मैगजीन ने तीस साल से कम उम्र के ऐसे लोगों में शामिल किया है जो गेम चेंजर रहे हैं।
18 साल पहले घर से भागा था विक्की, आज है कामयाब इंसान
विक्की आज सक्सेसफुल है, लेकिन 18 साल पहले विक्की घर के हालात से तंग आ कर भाग गया था। दिल्ली में स्टेशन पर कूड़ा बीनने का काम करता था, फिर सलाम बालक ट्रस्ट का सहारा मिला और जिंदगी बदल गई। विक्की जैसी कई सक्सेस स्टोरी हैं सलाम बालक ट्रस्ट से जुड़े बच्चों की।
फिल्म देख कर आया 'सलाम बालक' का आइडिया
सलाम बालक ट्रस्ट के फाउंडर ने बताया कि उन्हें इस संस्था का आइडिया एक फिल्म देख कर आया था। वो फिल्म थी सलाम बॉम्बे, इंटरेस्टिंग बात ये है कि उस फिल्म की निर्देशक मीरा नायर की मां भी इस संस्था की को फाउंडर थीं तब 25 बच्चों से संस्था शुरु हुई थी। आज ये फाउंडेशन हजारों बच्चों की जिंदगी संवार चुकी है।
संबंधित खबरें
सोसाइटी से
अन्य खबरें
Loading next News...
