रेवाड़ी की छात्राओं ने पेश की मिसाल, खट्टर सरकार ने मानी मांग
जब रियो ओलंपिक में पुरुष खिलाड़ियों ने हथियार डाल दिया था। तब हरियाणा की पहलवान साक्षी मलिक ने पदक जीतकर देश की लाज बचाई थी। उसके बाद पीवी सिंधु ने देश के लिए दूसरा पदक जीता और पुरुष खिलाड़ी खाली हाथ वापस आ गये थे।
इस बार हरियाणा की बेटियों ने एक और सराहनीय काम किया है। ये काम देश की शिक्षा को बढ़ावा देने वाली मुहीम को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
हाल ही में हरियाणा के रेवाड़ी में छात्राओं ने स्कूलों को अपग्रेड करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गयीं थीं। जिसे मनोहर लाल खट्टर सरकार ने स्वीकार करते हुए स्कूल के अपग्रेडेशन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद एक हफ्ते से अनशन कर रहीं छात्राओं ने हड़ताल खत्म कर दी। करीब 80 से ज्यादा छात्राएं धरने पर बैठी हई थीं।
एक हफ्ते से अनशन पर बैठी थी छात्राएं
रेवाड़ी के खोल ब्लॉक के गांव गोठड़ा टप्पा डहिना की 80 से अधिक लड़कियां बीते एक हफ्ते से अनशन पर थीं। उनकी मांग है कि गांव के 10वीं तक के स्कूल का दर्जा बढ़ा कर सीनियर सेकेंडरी किया जाए जिससे कि वहां 12वीं तक पढ़ाई वहीं कर सकें। छात्राओं को 10वीं से आगे की पढ़ाई के लिए कनवली स्थित स्कूल जाना पड़ता है। ये स्कूल इनके गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है।
लड़कियों ने अपनी परेशानी घरवालों के साथ ही सरपंच को भी बताई। जिसके बाद मामले को स्थानीय अधिकारियों के सामने उठाया गया। पर वहां बात नहीं बनी। आखिरकार इन लड़कियों ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दिया।
अब जब इन लड़कियों को मांग को सरकार ने मान लिया है, तो हर कोई उनके जज्बे की सराहना कर रहा है। ऐसा हो भी क्यों न, इन छात्राओं के इस जज्बे से पूरे देश की लड़कियों को बल मिला है। अब वह अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ने से कभी पीछे नहीं हटेंगी।
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