कोरोना से जंग में बच्चों ने गुल्लक फोड़ी तो किसानों ने सरकार को दान की सम्मान निधि
इतिहास के पन्नों में वक्त हमेशा जिंदा रहता है, इतिहास जब खुद को दोहराता है तो उसके अंदाज में सिर्फ तस्वीर बदलती है भावना नहीं। देश पर जब-जब संकट के बादल छाये हैं तब-तब इस मिट्टी के योद्धाओं ने इतिहास लिखे हैं। ये मिट्टी दानवीर कर्ण से लेकर महर्षि दधिचि तक न जाने कितने दानियों को जन्म दे चुकी है और इतिहास एक बार फिर से उसे दोहरा रहा है। कोरोना के संकट काल में आज फिर से इस देश के दानवीरों ने साबित कर दिया है कि सिर्फ युग बदला है लोगों की भावनाएं नहीं।
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कोरोना के खिलाफ जारी जंग में पीएम नरेंद्र मोदी की मुहिम ‘पीएम केयर्स’ को बच्चों से लेकर किसानों तक का साथ मिल रहा है। केंद्र सरकार का कोष भरने के लिए बच्चे अपनी गुल्लक फोड़कर दान कर रहे हैं तो कई अपनी ट्राॅफी और मेडल बेचकर दान देने का प्रयास कर रहे हैं। मेरठ के एक रिटायर्ड आर्मी पर्सन ने अपनी पूरी पेंशन और ग्रेच्युटी पीएम केयर्स फंड में दान कर दी है। वहीं, किसान भी सरकार का कोष भरने में पीछे नहीं हैं, गुजरात के अमरेली और भावनगर जिलों के किसानों ने पीएम सम्मान निधि का पैसा भेजने की सिफारिश की है। हरियाणा सरकार ने अन्नदाताओं से 1 से 5 किलो तक गेहूं दान करने के लिए कहा है। पंजाब में एक किसान ने एक एकड़ जमीन कोरोना से लड़ने के लिए सरकार को दे दी है।
गोल्फर अर्जुन भाटी ने बेची ट्राफी
कोरोना जैसी बीमारी से निपटने के लिए सरकार को आर्थिक मदद के तौर पर गोल्फर अर्जुन भाटी ने अपनी ट्रॉफी तक भेज डाली है। नोएडा के रहने वाले अर्जुन भाटी ने पिछले आठ सालों में जीती अपनी सारी ट्रॉफी और मेडल को बेच दिया है। महज 15 साल के अर्जुन भाटी ने ट्वीट किया, ‘जो देश-विदेश से जीतकर कमाई हुई 102 ट्रॉफी संकट के समय मैंने 102 लोगों को दे दीं। उनसे आए हुए कुल 4,30,000 रुपये पीएम केयर्स फंड में देश की मदद को दिए। यह सुनकर दादी रोईं, फिर बोलीं कि तुम सच में अर्जुन हो। आज देश के लोग बचने चाहिए, ट्रॉफी तो फिर आ जाएगीं।’ इस महामारी से लड़ने के लिए उनकी तरफ से दिए गए सहयोग की सभी सराहना कर रहे हैं। पीएम मोदी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘देशवासियों की यही वो भावना है, जो कोरोना महामारी के समय सबसे बड़ा संबल है।’
मेरठ के आर्मी पर्सन ने दी पेंशन और ग्रेच्युटी की राशि
‘मुझे जो भी मिला, इसी देश से मिला है। अब जरूरत है तो मैं देश का पैसा देश को लौटा रहा हूं।’ यह शब्द उस आर्मी मैन के हैं, जिन्होंने भारत-पाक के बीच 1971 में हुई लड़ाई में अपनी एक आंख गंवा थी, लेकिन अब इस संकट की घड़ी में अपने बुढ़ापे का सहारा यानी पेंशन सरकार को दान कर दी है। मेरठ के रहने वाले सेना से रिटायर्ड जूनियर कमीशन ऑफिसर (जेसीओ) मोहिंदर सिंह ने ग्रेच्युटी, पेंशन और कमाई से जोड़ी गई 15.11 लाख रुपए की राशि पीएम केयर्स फंड में दान कर दी। अपनी पत्नी सुमन चौधरी के साथ में गुरुवार को पंजाब और सिंध बैंक पहुंचे 85 वर्षीय आर्मी मैन ने मैनेजर को इतनी राशि का चेक सौंप दिया। उनकी पत्नी किरण ने बताया कि दो बेटे और एक बेटी विदेश में नौकरी करते हैं जबकि एक बेटी दिल्ली में है।
हरियाणा के किसान करेंगे 5 किलो गेहूं दान
इस संकट की घड़ी में हरियाणा के किसानों ने अन्नदान करने का बीड़ा उठाया है। इस संकट की घड़ी में सरकार के साथ खड़े नजर आ रहे किसानों ने अन्नदान कर देश सेवा करने का निर्णय लिया है। राज्य में भारतीय किसान यूनियन की इस पेशकश का समर्थन करते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से अपनी उपज पर प्रति क्विंटल 1 से 5 किलोग्राम तक अन्नदान की अपील की है। अन्नदान करने वाले किसान अपनी फसल को मंडी या खरीद केंद्रों बेचते समय आढ़ती व अधिकारी को दान कर सकते हैं। सीएम ने बताया कि उनसे पूछेंगे कि वे सरकार को अन्नदान करना चाहते हैं या नहीं। अगर वे हां कहेंगे तो उनकी मर्जी के अनुसार प्रति क्विंटल अनाज दान के हिस्से में डाल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसान को फसल की उतनी ही मात्रा का भुगतान होगा, जितनी दान के बाद बचेगी। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने किसानों से बीते सप्ताह अपील की थी कि वे विपदा की घड़ी में सरकार के सभी निर्धारित नियमों का पालन करें। इस संकट में देश और प्रदेश को सहयोग करें।
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पंजाब के किसान ने एक एकड़ जमीन की दान
कोरोना से निपटने के लिए सरकार को आर्थिक मदद के तौर पर पंजाब के एक किसान ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। बठिंडा जिले के नथाना ब्लाॅक के बीबीवाला गांव निवासी किसान बूटा सिंह ने एक एकड़ जमीन दान देने की घोषणा की है। उन्होंने अपनी जमीन कोरोना अस्पताल बनाने के लिए दान देने की बात कहीं। बूटा सिंह ने जिला प्रशासन को दिए गए पत्र में कहा कि यह जमीन राज्य सरकार को अस्पताल बनाने के लिए दे रहा हूं। उन्होंने इस जमीन को कोरोना पीड़ितों के लिए उपयोग करने का भी सुझाव दिया है। बूटा सिंह ने अपनी पुश्तैनी जायदाद को अपने बच्चों में पहले से ही बांटा हुआ है। उन्होंने बाद में चार एकड़ जमीन खरीदी है। वह एक एकड़ जमीन को वृद्ध आश्रम के लिए दान देना चाहते थे, लेकिन उन्हें इस कार्य के लिए सफलता नहीं मिली। इन दिनों कोरोना महामारी से प्रभावित होकर किसान बूटा सिंह ने अपनी एक एकड़ जमीन कोरोना वायरस के इलाज और अन्य प्रबंधों के लिए दान के तौर देने की घोषणा की। उन्होंने राज्य सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर भी इसकी सूचना दे दी है।
किसानों ने सम्मान निधि की राशि की दान
पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के किसानों ने एक अनोखी पहल शुरू की है। इस बार यहां पर अमरेली और भावनगर जिलों के 200 किसानों ने पीएम किसान सम्मान निधि से मिलने वाले 2,000 रुपए कोरोना वायरस से संघर्ष में पीएम केयर्स कोष में दान देने की घोषणा की है। अमरेली जिले के डिटला गांव के किसान उकाभाई भट्टी ने कहा, ‘केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि के तहत वित्तीय मदद के तौर हम लोगों को साल में 6,000 रुपए दे रही है। अब हम लोगों की मदद देने की बारी है। हमारे गांव के कई किसानों ने अपनी 2,000 रुपए की किसान निधि पीएम केयर्स में दान की है।’ अमरेली से भाजपा नेता दिलीप संघानी ने कहा कि यहां से अभी तक 200 किसान आगे आए हैं और उन्होंने 2,000 रुपए के चेक जमा करवाए हैं। उन्होंने बताया कि इस संकट की घड़ी में राष्ट्र को आर्थिक सहायता के तौर पर भावनगर के किसान भी मदद दे रहे हैं।
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गुल्लक फोड़कर बच्चों ने पीएम केयर्स फंड में किया दान
पीएम मोदी की अपील का असर बच्चों पर भी पड़ा है। बच्चों ने गुल्लक में की गई सेविंग को पीएम केयर्स फंड में देने का निर्णय लिया है। राजस्थान से बांसवाड़ा में 5वीं क्लास में पढ़ने वाले अंशुल ने अपने जन्मदिन और पॉकेट मनी से हुई बचत के कुल 11 हजार रुपए रिलीफ फंड में डीएम को डोनेट किए हैं। अंशुल ने अपने 11वां जन्मदिन के मौके पर गुल्लक को फोड़कर राशि जमा दी है। उनके इस नेक दिली की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 12वीं में पढ़ने वाली शिवानी और उसकी छोटी बहन प्रगति ने डीएम कौशल राज शर्मा को 5 हजार रुपये की राशि सौंपी। उन्होंने गुल्लक फोड़कर फंड के लिए दान किया। ऐसे छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में 9 साल के ऐश्वर्य और 7 साल की बहन वीरा ने अपने गुल्लक में जमा किए 1770 रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान दिए हैं। तात्यापारा के रहने वाली दोनों बहनों ने अपनी राशि पुरानी बस्ती थाने के प्रभारी को सौंप दी। जोधपुर में 7 साल के मासूम अविरल ने कोरोना राहत कोष में 2,518 रुपए जमा किया है।
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अजमेर के निकट रामसर गांव की रहने वाली रचना प्रजापति ने अपने गुल्लक को फोड़कर चिकित्सा कर्मी अनीता बुंदेल को 520 रुपए सौंपे हैं। बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली रचना सरकारी स्कूल में क्लास 6 की छात्रा है और उसके पिता रामकिशन मिट्टी के दिए और बर्तन बनाने का काम करते हैं। चिकित्सा कर्मी अनीता बुंदेल ने यह राशि जिला परिषद के सीईओ गजेंद्र सिंह को सौंपी और पूरी स्थिति बताई तो हर कोई उस मासूम बच्ची के राष्ट्र के प्रति समर्पण को नमन करता हुआ नजर आया। ऐसे ही यूपी के रामपुर जिले में शहर के वार्ड नंबर-26 में 10 साल के स्वरित, 12 साल की सिमरन और सात साल की स्मृति ने अपना गुल्लक फोड़कर 1360 रुपए को दान किए हैं।
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