जानें कौन हैं शहीदों के परिवार को 110 करोड़ रुपये देने वाले मुर्तजा अली

पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को मुम्बई के साइंटिस्ट मुर्तजा अली ने 110 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। कोटा के रहने नेत्रहीन मुर्तजा अली ने 25 फरवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में ई-मेल करके पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री राहत कोष के तहत शहीदों को 110 करोड़ रुपये देने की बात कहीं है।
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शहीदों के परिवारों को देशभर की तरफ से बढ़े कदमों में एक सांइटिस्ट मुर्तजा अली ने भी अहम योगदान देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें 110 करोड़ रुपये की चेक सौंपना है। मुर्तजा अली ने इसके लिए सारी कागजी कार्रवाई भी पूरी कर रखी है। प्रधानमंत्री की तरफ से आए जवाब में उन्हें बताया गया है कि दो से तीन दिन में मिलने का समय बता दिया जाएगा।
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मुर्तजा अली ने भेज दिए पूरे कागजात
साइंटिस्ट मुर्तजा अली ने दैनिक भास्कर कहा, सेना और उनके परिवारजनों की किसी तरह से मैं मदद कर सकूं, इसलिए मैंने इतनी राशि राष्ट्रीय राहत कोष में देने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से समय मिलते ही पूरी यह राशि दी जाएगी। प्रधानमंत्री राहत कोष के डिप्टी सेक्रेटरी अग्नि कुमार दास ने कागजी कार्यवाही के लिए मेरा पूरा प्रोफाइल मांगा है। उन्होंने बताया कि प्रोफाइल, पैन कार्ड सहित राशि की पूरी डिटेल पीएमओ को भेज दी है। मुर्तजा प्रधानमंत्री से मिलकर उन्हें 110 करोड़ का चेक सौंपेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री से सामाजिक कार्यों के लिए नई योजनाओं व कुछ नई टेक्नोलॉजी के बारे में भी बातचीत करेंगे।
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मुर्तजा का कोटा में यह बिजनेस
कोटा में जन्में मुर्तजा अली ने यही के कॉमर्स कॉलेज से स्नातक (ग्रेजुएशन) किया है। उनके परिवार के लोग ऑटोमोबाइल का पुश्तैनी बिजनेस था। नेत्रहीन हेने की वजह से उनको काफी नुकसान भी उठाना पडङा और उन्होंने ऑटोमोबाइल सेक्टर को छोड़कर मोबाइल और डिश टीवी के क्षेत्र में काम करना शुरू किया। आखिरकार वह इस क्षेत्र में काफी सफल रहे। उन्होंने बताया कि 2010 में किसी काम से जयपुर गया था और वहां पर पेट्रोल पंप पर जब वे पेट्रोल भरा रहते थे एक युवक मोबाइल रिसीव किया और आग लग गई। इसके बाद उन्होंने इसका कारण जानने के लिए क्षेत्र में काम शुरू किया और आखिरकार सफल भी रहे। उन्होंने फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का इजाद किया। इस टेक्नोलॉजी के जरिए जीपीएस, कैमरा या अन्य किसी उपकरण के बगैर ही किसी भी वाहन को ट्रेस किए जाने का आविष्कार किया है। अब तकनीकि को इजाद करने के बाद अब एक कंपनी के साथ करार से उनको अच्छी रकम मिली है।
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