रोडवेज बस से ही चार्ज लेने पहुंच गए कानपुर देहात के नए एसपी

पीठ पर बैग लटकाए एक युवक कानपुर देहात में एसपी के बंगले पर पहुंचता है। बाहर खड़े संतरी से अंदर जाने को पूछा तो उसने भेज दिया। अंदर एक सिपाही स्टेनो के बारे में पूछने पर उसने एक कमरे की ओर भेज दिया। अंदर से पहुंचते ही युवक ने स्टेनो से एसपी का सीयूजी सिम मांगा। इस पर स्टेनो ने युवक से पूछा- एसपी का सिम मांगने वाले आप कौन ? युवक ने जवाब दिया- प्रभाकर चौधरी। नाम सुनते ही स्टेनो हक्का-बक्का रह गया। तुरंत उठकर सैल्यूट मारा। यह युवक कोई और नहीं जनपद के नए कप्तान प्रभाकर चौधरी थे। हाल में कुछ आईपीएस अफसरों के ट्रांसफर किए गए तो प्रभाकर चौधरी को बलिया से कानपुर देहात का एसपी बनाकर भेजा गया।
टेंपो से एसपी बंगले की ओर चल दिए
आईपीएस प्रभाकर चौधरी का परिवार लखनऊ में रहता है। जब शासन ने कानपुर देहात जिले के एसपी का चार्ज लेने का निर्देश दिया तो वे बुधवार को लखनऊ से रोडवेज की बस में बैठकर चल दिए। दिन में करीब पौने दो बजे कानपुर रोडवेज पर उतरे और बिना मातहतों को फोन कर सरकारी वाहन बुलाए ही टेंपो से एसपी बंगले की ओर चल दिए। जब बिना किसी तामझाम के एसपी के सीधे बंगले में पहुंचने की खबर मिली तो सभी सिपाही अलर्ट हो गए।
पुलिस महकमे में नए प्रयोग भी करने के लिए जाने जाते
प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस हैं। उन्होंने कानपुर देहात एसपी का पद संभालने के अपने अनोखे अंदाज से सबको चौंका दिया। प्रभाकर चौधरी पुलिस महकमे में नए प्रयोग भी करने के लिए जाने जाते हैं। देवरिया में बतौर एसपी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने जोड़-जुगाड़ की जगह योग्य थानेदारों की तैनाती का सिस्टम तैयार किया। इसके लिए दारोगाओं की परीक्षा ली जाती थी। मेरिट के आधार पर थाने बंटते थे। किसी नेता विधायक या मंत्री की कोई सिफारिश नहीं चलती थी। जिससे थानों से जनता को काफी हद तक न्याय मिलने लगा।
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