सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों के समर्थन में आए लोग, किया मदद का वादा

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले में हमारे देश के 40 जवान शहीद हो गए। इसके बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरी छात्रों पर लोग अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। देश के कई हिस्सों में इन छात्रों को स्कूल, कॉलेज और हॉस्टेल से निकाले जाने की खबरें आ रही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि जो कश्मीरी छात्र किराए के मकानों में रह रहे हैं उनसे घर खाली करा लिए गए हैं। कई जगहों पर आक्रामक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं हिंसा की धमकी दी जा रही है। कई छात्र तो पढ़ाई बीच में छोड़ ऐसे शहरों से बाहर निकल रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच देश के कई लोग ऐसे हैं जो इन छात्रों की तरफ मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं।
देश के कई दिग्गजों सहित लोगों ने सोशल मीडिया पर कश्मीरी छात्रों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। देश के बड़े पत्रकारों में शामिल राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट करके कश्मीरी छात्रों से मदद का वादा किया है। उन्होंने लिखा -
मैं हर कश्मीरी छात्र से कहना चाहता हूं कि अगर आपको किसी भी तरह से टारगेट किया जाता है तो मुझे कॉल या डायरेक्ट मैसेज करें। देश के हजारों सही सोचने वाले भारतीयों की तरह ही मेरे दिल और घर के दरवाजे आपके लिए खुले हैं। चलो हिंसक बलों के साथ मिलकर लड़ें। आपको आतंक सहने की जरूरत नहीं है।
कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने ट्वीट किया - मुश्किल समय में एकजुट रहना जरूरी है। कश्मीरी छात्रों का शोषण, उन पर हमला या उन्हें गाली देना किसी भी समस्या का हल नहीं है।
जम्मू और कश्मीर के छात्र अगर कभी असुरक्षित महसूस करते हैं या उन्हें मदद की जरूरत हो तो वे तुरंत बंगलुरू पुलिस या यहां के पुलिस कमिश्नर से मिल सकते हैं।
कांग्रेस नेता नगमा मोरारजी ने ट्वीट किया- दुख के इस समय में जब हम अपने जवानों के शहीद होने का दुख मना रहे हैं, भारत में कश्मीरी छात्रों पर हमला किया जा रहा है। हमारे अपनों के ही साथ अन्याय। हमारे अंदर हमारे अपनों के लिए ही इतना गुस्सा और नफरत क्यों है। क्या हम कश्मीरियों के साथ नहीं खड़े हो सकते। यह समय एक राष्ट्र के तौर पर इसके नागरिकों के साथ खड़े होने का है। जम्मू-कश्मीर हमारा हिस्सा है।
पत्रकार और लेखक सागरिका घोष ने ट्वीट किया - क्या हम पागल हो गए हैं? बेगुनाह कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों पर ये हमले तुरंत बंद कीजिए। वे हमारा परिवार हैं। कृपया प्रो-एक्टिव लॉ एनफोर्समेंट को अलर्ट करें। अराजकता और विभाजन को न बढ़ावा दें बल्कि भारत के सही मूल्यों के लिए खड़े रहें।
इसके अलावा फेसबुक पर भी कई लोग पोस्ट्स लिखकर कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों का समर्थन कर रहे हैं। दक्षिण भारतीय फिल्म 'केजीएफ' की हिंदी डबिंग के लिए डायलॉग लिखने वाले मयंक सक्सेना ने लिखा - अगर मुंबई में किसी कश्मीरी साथी को किसी तरह की फिक्र या खतरे का अंदेशा होता है, तो वो मुझे या मुहम्मद नोमान खान या Mithun Kumar से सम्पर्क कर सकता है...मेरा घर, आपका ही घर है और आपकी ज़िंदगी हमारी ज़िंदगी है...जो होगा मिल कर पका कर खाएंगे, जितनी चादरें होंगी, उतने में रात काट लेंगे...
ये बात मुल्क़ के हर उस बाशिंदे के लिए लिख रहा हूं, जिसके लिए कभी भी ऐसा खतरा आए...
मैं दो-चार रोज बाहर रहूंगा पर घर आपका है...

जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने लिखा - कश्मीर हमारा है तो कश्मीरी पराये कैसे हो सकते हैं? देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को असुरक्षित करने वाले लोग जवानों की शहादत का अपमान कर रहे हैं। भारतीयता की हर वह परिभाषा अधूरी है जिसमें देश के किसी भी नागरिक को चोट पहुँचाने को देशभक्ति से जोड़ा जाए।

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