पद्मश्री विजेता शीतल ने साड़ी पहन कर 13000 फीट से लगाई छलांग, बनाया रिकॉर्ड

शीतल ने थाई स्काई डाइविंग केंद्र से फोन पर न्यूज एजेंसियों को बताया, 'मैंने अपने स्काई डाइव के लिए 'नौवारी साड़ी' पहनने का निर्णय लिया क्योंकि मैं 8 मार्च को होने वाली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले कुछ अलग करना चाहती थी।
शीतल ने बताया कि पहली लैंडिंग से पहले मैं थोड़ा लड़खड़ाई थी लेकिन फिर सब ठीक हो गया। हालांकि यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि पहले साड़ी, उसके ऊपर पैराशूट पहनना, फिर सेफ्टी गियर, संचार सामग्री, हेलमेट, चश्मा लगाना और जूते पहनना था जिससे स्काई डाइविंग थोड़ी चुनौती भरी हो गई थी। उन्होंने बताया कि साड़ी संग स्काई डाइव को करने से पहले मैंने अलग से कुछ तैयारी कर ली थी, इसके लिए मुझे साड़ी में बहुत सारे पिन लगाने पड़े, इसे बहुत कसकर बांधा भी ताकि तेज हवाओं में ये खुल न जाए।
नौवारी साड़ी पहनने का ख्याल उन्हें क्यों आया इस पर वह कहती हैं, देश में महिलाएं कई साड़ी पहनती हैं, लेकिन महाराष्ट्र की नौवारी साड़ी पहनना और उसे संभालना सबसे मुश्किल है। मैं यह साबित करना चाहती थी कि भारतीय महिलाएं न सिर्फ सामान्य दिनचर्या में साड़ी पहन सकती हैं, बल्कि स्काई डाइविंग जैसे जोखिम भरे एडवेंचर को भी कर सकती हैं।' पद्मश्री विजेता और दो जु़ड़वां बच्चों की मां शीतल ने राष्ट्रीय स्तर पर अब तक 18 स्काई डाइविंग रिकॉर्ड बनाए हैं। उनके नाम पर छह अंतरराष्ट्रीय और विश्वभर में 704 जंप लगाने का रिकॉर्ड भी है। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जा चुका है।
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