सराहनीय: बुजुर्ग अल्पसंख्यक इंजीनियर ने दान में दी डेढ़ लाख की सैनिटाइजर मशीन

कोरोना वायरस को लेकर स्थिति विश्व के साथ ही देश में भी लगातार बिगड़ती जा रही है। भारत में रविवार को एक दिन में ही सबसे अधिक मौतों का आंकड़ा सामने आया है। इससे बचाव को लेकर सरकार की ओर से कई गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपने प्रयासों से इस गंभीर बीमारी की रोकथाम के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के मंदसौर से सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग अल्पसंख्यक इंजीनियर ने सैनिटाइजर मशीन बनाकर इसे प्रशासन को दान किया है। इस मशीन की कीमत करीब डेढ़ लाख रुपये है।
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इस मशीन में गुजरने से बाहरी तौर पर हो जाता है वायरस का खात्मा (फोटो साभार ANI)
जिला अस्पताल में कोरोना के खिलाफ काम आ रही मशीन
मंदसौर के रहने वाले 62 वर्षीय नाहरू खान पेशे से इंजीनियर हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के उद्देश्य से उन्होंने एक सैनिटाइजर मशीन बनाने की योजना बनाई थी। इस काम को उनकी कंपनी एनके इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रिकल्स ने पूरा किया। तैयार होने के बाद नाहरू खान ने ये मशीन प्रशासन को दान कर दी। जिसे अब इंदिरा गांधी जिला अस्पताल में लगाया गया है। अब अस्पताल में जाने वाले लोग इस मशीन की मदद से संक्रमण से बच रहे हैं। इस बारे में नाहरू खान बताते हैं कि उन्हें इस मशीन का आइडिया यूट्यूब से आया था, जिसके बाद उन्होंने इसके बारे में अन्य वीडियो देखे और वैसे ही मशीन का निर्माण किया। वे बताते हैं कि इस मशीन को बनाने में केवल 48 घंटे का समय लगा। इस मशीन के चालू होने से कई लोगों को लाभ मिल रहा है।
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इस तरह काम करती है मशीन
सैनिटाइजर टनल का इस्तेमाल आजकल कई देशों में हो रहा है। नाहरू खान की ओर से बनाई गई इस मशीन में एक टनल बनी है। सैनिटाइज होने के लिए व्यक्ति को इस टनल से गुजरना होता है। इसके अंदर 6 स्प्रे लगे हैं, जो अंदर आते ही शुरू हो जाते हैं। पूरी तरह से व्यक्ति के शरीर पर सैनिटाइजर का छिड़काव करने के बाद ये स्प्रे बाहर निकलने ही ऑटोमेटिक बंद हो जाते हैं। इस मशीन में 100 लीटर सैनिटाइजर का टैंक लगा हुआ है। ये मशीन करीब 250 से 350 लोगों पर स्प्रे कर सकती है। मशीन से निकलना सैनिटाइजर एक ट्रे में स्टोर होता है। सैनिटाइजर मशीन से एक मिनट में करीब 15 लोग गुजर सकते हैं। इस मशीन से गुजरने के बाद व्यक्ति के कपड़े या सामान भी खराब नहीं होते हैं।

मशीन का निर्माण करने वाले इंजीनियर नाहरू खान (फोटो साभार ANI)
इससे पहले भी दान दे चुके हैं नाहरू
नाहरू खान इससे पहले भी कई उपकरण बनाकर दान कर चुके हैं। उन्होंने पशुपति नाथ मंदिर और नालछा माता मंदिर में एक ऑटोमेटिक जनरेटर दान किया था। इसका इस्तेमाल मंदिर प्रशासन की ओर से किया जा रहा है। केवल दूसरी क्लास तक पढ़े नाहरू खान भले ही ज्यादा शिक्षित न हों, लेकिन तकनीक के बारे में उनकी जानकारी काफी अच्छी है। उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पूर्व में मुख्यमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं। उनके उपकरणों की काफी मांग रहती है। नाहरू जरूरत के समय ऐसे उपकरण बेहद ही कम अवधि में डिजायन और डेवलप कर लेते हैं।
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अहमदाबाद- तमिलनाडु में भी लगी सैनिटाइजर मशीन
लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए सैनिटाइजर मशीन का प्रयोग पूरे विश्व में हो रहा है। हाल ही में ऐसी ही एक टनल मशीन तमिलनाडु में लगाई गई हैं, इसमें टनल से गुजरने वाला व्यक्ति बाहरी तौर पर सैनिटाइज हो जाता है। इस टनल में व्यक्ति के ऊपर सैनिटाइजर का स्प्रे किया जाता है। जिससे व्यक्ति के बाहरी कपड़े और शरीर के खुले हिस्से सैनिटाइज हो जाते हैं। इस टनल में व्यक्ति को 3 से 5 सेकेंड रहना होता है। जिसके ऊपर मशीन से सैनिटाइजर स्प्रे किया जाता है। इस टनल का इस्तेमाल इस वक्त देश में मध्य प्रदेश, अहमदाबाद और तमिलनाडु के तिरुपुर में हो रहा है, देश के अन्य शहरों में इस तरह की टनल लगाने की योजना बनाई जा रही है।
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