अपना बेटा देकर गोद ले ली बेटी, हरियाणा में पेश की गई मिसाल
बेटी की चाह न रखने वालों को शर्मिंदा करने वाली यह खबर आप जरूर पढ़ें। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के किरढान गांव के अनूप सिंह और उनकी पत्नी सीता ने अपने नवजात बेटे को किसी और दंपती को गोद दे दिया और उनकी बेटी को गोद ले लेने का कारनामा अंजाम दिया है।
बता दें कि इस दंपती ने बेटी की चाह में दूसरे बच्चे को जन्म देने का फैसला लिया। लेकिन, इस बार भी बेटा ही पैदा हुआ। इसके बाद इस दंपती ने मिसाल कायम करते हुए अपने नवजात बेटे के बदले बेटी गोद ले ली। उनका बेटा जिनकी गोद में गया है, उनकी भी चाहत पूरी हो गई। दूसरा परिवार हिसार के गांव किशनगढ़ का रहने वाला है। दोनों परिवार एक ही समाज से हैं मगर आपस में पहले से कोई रिश्तेदारी व जान-पहचान नहीं थी। अस्पताल में ही दोनों परिवारों का परिचय हुआ। मगर आज दोनों परिवारों के बीच कोई गहरा रिश्ता कायम हो गया है। हुआ यूं कि भट्टूकलां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गांव किशनगढ़ (हिसार) निवासी भूप सिंह की पत्नी रेनू को डिलीवरी के लिए लाया गया था।
यह है पूरा मामला
दोनों के पहले से तीन बेटियां हैं। उनकी हसरत थी कि बेटियों का एक भाई हो लेकिन 11 नवंबर को डिलीवरी हुई तो घर में लक्ष्मी आई। अगले दिन महिला को अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई। इसके दो दिन बाद 14 नवंबर को किरढ़ान निवासी अनूप सिंह की पत्नी सीता ने बेटे को जन्म दिया। हालांकि परिवार की इच्छा बेटी की थी।
फिर उठाया यह कदम
इस बाबत सीता के ससुर लालचंद ने मीडिया को बताया कि उसके लड़की नहीं हुई थी, इसलिए चाह थी कि उसके घर पोती जन्म ले। इसी बीच उन्हें पता चला कि किशनगढ़ के एक दंपती को बेटे की चाहत थी और उनके बेटी पैदा हो गई। बस, यहीं से उनके मन में एक विचार आया। इसके बाद अनूप सिंह के परिवार ने भूप सिंह से संपर्क किया। अनूप में भूप के समक्ष प्रस्ताव रखा कि वह उनके बेटे को गोद ले ले और अपनी बेटी उसे गोद दे दी। दोनों में इस पर सहमति बन गई। अनूप ने भूप सिंह की लड़की गोद ले ली और अपना नवजात बेटा भूप को गोद दे दिया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में सीता को लड़का व रेनू को लड़की पैदा होने की बात दर्ज है। गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया बाद में पूरी की जाएगी।
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