छ: आतंकवादियों को मार गिराया था मेजर प्रीतम कुंवर ने, आज राष्ट्रपति करेंगे सम्मानित

अपनी जान की परवाह किए बिना आंतकवादियों से मुकाबला लेने वाले मेजर प्रीतम कुंवर सहित पांच जवानों को आज राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किये जाएंगे। जंग के मैदान में दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देकर उनकी कोशिशों को धूल में मिलाने वाले जवानों को आज शौर्य चक्र दिया जाएगा। इसमें चेतन चीता, प्रीतम कुंवर और दीपक आले ने अपनी बहादुरी और सूझबूझ से घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए आतंकवादियों को ढेर कर दिया था।
मेजर प्रीतम कुंवर ने 6 आतंकियों को किया था ढेर
कश्मीर में खूंखार आतंकियों को ढेर करने वाले मेजर प्रीतम कुंवर को आज सम्मानित किया जाएगा। कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले प्रीतम चमोली जिले के मठ गांव निवासी है। मेजर प्रीतम ने 25 मई 2017 को उड़ी सेक्टर में हुए आतंकी हमले में गढ़वाल राइफल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर के नेतृत्व में 17 सदस्यीय टीम ने लंबी मुठभेड़ के बाद 6 आतंकियों को मार गिराया था। उनके अदम्य साहस के लिए 15 अगस्त 2017 को उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी।
प्रीतम कुंवर के पिता रिटायर्ड सूबेदार मेजर नरेंद्र कुंवर भी रिटायर सुबेदार मेजर हैं, जो भारतीय सेना में लंबी सेवा दे चुके हैं। जबकि मां रूकमणी देवी गृहणी हैं। उनके पिता ने बताया कि यह क्षण उनके जीवन का यादगार क्षण है। जब उनके पुत्र को देश सेवा के लिए शांतिकाल का सर्वोच्च सेना सम्मान प्रदान किया जाएगा। मठ गांव के संतोष कुंवर का कहना है कि मेजर प्रीतम कुंवर ने जिले के साथ ही उत्तराखंड राज्य का गौरव बढ़ाया है। प्रीतम के माता-पिता अपने पैतृक गांव मठ में ही रहते हैं। बंड विकास संगठन के अध्यक्ष शंभू प्रसाद सती, पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, जिला पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी, विजय प्रसाद मलासी का कहना है कि प्रीतम को मिल रहे सम्मान से चमोली जिले में खुशी की लहर है।
सूझबूझ से आतंकियों को मौत के घाट उतारा था
दीपक आले ने नौ अप्रैल 2017 को अपनी यूनिट के जवानों के साथ पोस्ट कमांडर की जिम्मेदारी निभाते हुए जम्मू-कश्मीर के कैरन सेक्टर की गुगलधार पोस्ट से चार आतंकियों को सीमा पार से आते हुए देखा था। मोर्चा संभालते हुए दीपक आले ने बिना फायर किए लगातार आतंकियों पर निगरानी रखी और उनके मैदानी इलाके तक आने का इंतजार करने लगे। कुछ देर बाद आतंकी करीबी इलाके में पहुंच गए। जहां से आतंकी ठीक से नजर आने लगे। इसके बाद दीपक ने अपनी एलएमजी से अंधाधुंध फायर शुरू कर दिया। दीपक के साथ उनका सहयोग करते हुए अन्य पांच जवानों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में कई राउंड फायर के बाद दीपक आले के सटीक निशाने से दो आतंकी मौके पर ही ढेर हो गए। तब सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र देने की घोषणा की थी। रायवाला के प्रतीतनगर निवासी दीपक आले की पत्नी मनीषा आले, पिता पद्म बहादुर आले, माता देवी आले और पुत्री नित्या आले भी भवन में होंगे।
पांच जवानों को दिया गया कीर्ति चक्र
कीर्ति चक्र भारत का शांति काल का सर्वोच्य वीरता का पदक है। यह सम्मान सैनिकों को असाधारण वीरता, प्रकट शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। महावीर चक्र के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा सम्मान है। 15 अगस्त 2017 को उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी। आतंकी हमले के दौरान अपनी जान की परवाह न करने वाले पांच जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित करने की घोषणा हुई थी। इनमें से तीन जवानों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। जबकि गढ़वाल राइफल के मेजर प्रीतम सिंह कुंवर और सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन कुमार चीता को अद्भुत रणकौशल दिखाने के लिए सम्मान दिया जा रहा है।
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