छुकछुक ट्रेन से कभी गांधी जी ने किया था सफर, अब इसकी बढ़ेगी रफ्तार
छत्तीसगढ़ की धमतरी में जिस छुकछुक ट्रेन से महात्मा गांधी पहुंचे थे अब उस ट्रेन से पर्यटन सफर कर सकेंगे। जी हां, छत्तीसगढ़ में राजिम और धमतरी के बीच छोटी लाइन पर चलने वाली ट्रेन का अनुबंध पर्यटन विभाग और रेल मंत्रालय करने जा रहा है। अब छुकछुक ट्रेन को रफ्तार देने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस ट्रेन को संजोने के पीछे का मकसद पर्यटकों की संख्या में इजाफा करने का है। इस समय प्रदेश में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। छत्तीसगढ़ में रशिया से लेकर दक्षिण कोरिया तक के पर्यटक आ रहे हैं। अब प्रदेश सरकार ने ट्रेन को चलाने की अनोखी पहल है।
21 दिसंबर को धमतरी पहुंचे थे बापू
छुकछुक गाड़ी से महात्मा गांधी 21 दिसंबर 1920 को रायपुर से धमतरी जाने के लिए महात्मा गांधी इसी रेलगाड़ी से सफर किया था। वह धमतरी में कंडेल नहर के सत्याग्रह का नेतृत्व करने आए थे। हालांकि उस जमाने में सफर के लिए ट्रेन ही सुविधाजनक मानी जाती थी। यहां की ट्रेन सेवा में यह पल आज भी ऐतिहासिक पलों में गिना जाता है। इतिहास के पन्नों में दर्ज यह लाइन अभी घाटे पर चल रही है लेकिन इसके बाद भी छोटी लाइन की रेलगाड़ी को पर्यटन विभाग दौड़ाना चाहता है। प्रदेश की इस इकलौती छुकछुक गाड़ी को धरोहर के रूप में संजोने के लिए पर्यटन विभाग ने फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। ट्रेन तेलीबांधा (अब मरिन ड्राइव) से धमतरी और राजिम के लिए चलती थी, लेकिन अब यह नया रायपुर के केंद्री से चलती है।
1900 में दौड़ना शुरू हुई थी ट्रेन
छत्तीसगढ़ की छोटी लाइन पर चलने वाली छुकछुक् ट्रेन यहां के इतिहास में वर्ष 1900 में चलना शुरू हुई थी। इस ट्रेन को 17 अप्रैल 1896 को रायपुर- अभनपुर- राजिम के लिए ट्राम-वे की अनुमति मिली। यहां पर काम जल्द ही शुरू हो और वर्ष 1900 में पूरा हो गया था। सितंबर से दिसंबर के मध्य 45.74 मील लंबी और 10.54 मीटर चौड़ी राजिम रेल लाइन को यातायात के लिए खोला गया था।
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