दिल्ली और महाराष्ट्र में इन हॉट स्पॉट पर मिली जीत, जानें कैसे सफल हुआ मिशन

देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, लेकिन इसी बीच दिल्ली के दिलशाद गार्डन और महाराष्ट्र के संगाली जिले के इस्लामपुर से कुछ राहत देने वाली खबरें भी आ रही हैं। भारत में कोरोना वायरस की शुरुआत में ही हॉट स्पॉट बने इन स्थानों पर जीत पा ली गई है। शुरुआती हॉट स्पॉट में शामिल इन दोनों ही जगहों पर बेहतर रणनीति की वजह से कोरोना को हराया जा चुका है। यहां पर बीते एक सप्ताह से कोरोना वायरस का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने से प्रशासन ने भी राहत की सांस ली हैं, तो वहीं क्षेत्र के लोगों का भय भी कुछ कम हुआ है।
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दिलशाद गार्डन में नहीं मिला 10 दिनों से कोई केस
राजस्थान के भीलवाड़ा में जिस तरह से कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या पर काबू पाया गया था, उसी तरह दिल्ली के दिलशाद गार्डन में भी काम किया गया। यहां पर बीते 10 दिनों से कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिला है। सीएम अरविंद केजरीवाल का दावा है कि राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए ऑपरेशन शील्ड ने इस महामारी को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई है। सीएम की इस घोषणा के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने अपने बयान में कहा कि ऑपरेशन शील्ड की वजह से ही यहां पर कोरोना वायरस का कहर थमा है। दिल्ली के दिलशाद गार्डन में 17 मार्च को एक के बाद एक आठ केस सामने आने के बाद यहां पर एक ऑपरेशन के तहत काम किया गया। इस क्षेत्र में 15 दिन में 123 मेडिकल टीमों के माध्यम से घर-घर जाकर 15 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की गई।
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दिलशाद गार्डन में इस तरह से फैला कोरोना
दिल्ली के दिलशाद गार्डन में कोरोना का संक्रमण विदेश से आए लोगों की वजह से फैला था। यहां रहने वाली एक महिला और उसका बेटा सऊदी अरब से लौटे थे और उनमें कोरोना वायरस पाया गया था। इन लोगों के अलावा मोहल्ला क्लीनिक के डाॅक्टर समेत सात लोग कोरोना से पीड़ित हो गए थे। शाहदरा के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एसके नायक ने बताया कि दिलशाद गार्डन का एक व्यक्ति सऊदी अरब में रहता है। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने बेटे के साथ उससे मिलने गई थी। वह महिला 10 मार्च को लौटी थी। महिला को 12 मार्च को बुखार और खांसी की शिकायत हुई। वह पुरानी सीमापुरी स्थित एक मोहल्ला क्लीनिक में दवा लेने गई। तीन दिनों तक आराम ही नहीं मिलने पर 15 मार्च को जांच कराने जीटीबी अस्पताल गई, जहां उसमें कोरोना के लक्षण पाए गए। डॉक्टरों ने महिला में कोरोना के लक्षण देखते हुए आरएमएल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। 17 मार्च को महिला में कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई। उधर, महिला के संपर्क में आए लोगों में भी कुछ ऐसे ही लक्षण दिखने लगे। इस क्षेत्र में लगातार केस सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर कोरोना के फैलने का डर पैदा हो गया। स्थिति को देखते हुए सीएम केजरीवाल के निर्देश पर शुरू हुआ ऑपरेशन शील्ड।

ऑपरेशन शील्ड को ऐसे मिली सफलता
महिला में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद पूछताछ में पता चला कि वह सर्दी और बुखार आने के बाद मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर समेत 81 लोगों से मिल चुकी थी। उसके संपर्क में आए लोगों की जांच में डॉक्टर समेत सात अन्य लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वायरस के भय से महिला इतने दबाव में आ गई कि पुलिस को सही जानकारी भी नहीं दे सकी। ऐसे में पुलिस ने मोहल्लों में लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लिया, फुटेज में पुलिस ने जिन-जिन लोगों को उससे मिलता देखा उन सभी को क्वारंटाइन किया गया।
उधर, शाहदरा जिलाधिकारी ने ऑपरेशन शील्ड के तहत दिलशाद गार्डन व पुरानी सीमापुरी इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया। जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित की गई 123 मेडिकल टीमों ने घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग की। हर टीम में एक डॉक्टर व दो मेडिकल स्टाफ शामिल थे। डीएम की तरफ से इन मेडिकल टीमों को दिलशाद गार्डन और पुरानी सीमापुरी में 50-50 घरों की स्क्रीनिंग करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। टीमों ने दोनों ही मोहल्लों में 4,032 घरों में जाकर 15 हजार से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की। टीम को जिनमें किसी प्रकार के लक्षण दिखे, उन्हें तत्काल में एंबुलेंस से आरएमएल अस्पताल भेजा गया।
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महाराष्ट्र का पहला हॉट स्पॉट कोरोना मुक्त
महाराष्ट्र के सांगली जिले में मुंबई-बेंगलुरु हाइवे पर पड़ने वाला छोटा सा कस्बा इस्लामपुर कोरोना वायरस को लेकर सुर्खियों में रहा। 70 हजार की आबादी वाले इस कस्बे में एक-दो नहीं बल्कि कोरोना वायरस से संक्रमण के 26 केस सामने आए थे। लगातार केस सामने मिलने से सरकार से लेकर प्रशासन तक की नींद उड़ गई थी। महाराष्ट्र का पहला हॉट स्पॉट बना इस्लामपुर अब कोरोना वायरस से मुक्त घोषित कर दिया गया है। यह खबर यहां के लिए इसलिए बहुत सुकून देने वाली है क्योंकि मुम्बई के कई मोहल्ले इस समय हॉट स्पॉट बन हुए हैं। यहां पर अकेले ही एक हजार से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज पाए जा चुके हैं। हालांकि, इस्लामपुर ऐसे ही कोरोना मुक्त नहीं हुआ, सरकार की सख्ती और बेहतर प्लानिंग की वजह से ही यह क्षेत्र कोरोना मुक्त घोषित हुआ।
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ऐसे बढ़ी कोरोना की रफ्तार
इस्लामपुर कस्बे में एक ही परिवार के 4 सदस्यों में 23 मार्च को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इस परिवार के चार लोग हाल ही में सऊदी अरब से लौटे थे। महज एक हफ्ते के अंदर परिवार के बाकी 21 लोग भी कोरोना की चपेट में आ गए। इन लोगों में दो साल का एक बच्चा भी शामिल है। इसके बाद प्रशासन ने कोरोना को रोकने के लिए जोन बनाकर प्लानिंग की। सभी संसाधनों का इस्तेमाल करके कोरोना वायरस से लड़ा गया। जिसका परिणाम रहा कि यहां 17 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले 4 से बढ़कर सिर्फ 26 ही हुए।
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यह तरीके अपनाए गए
1. कोरोना वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए सांगली के जिलाधिकारी अभिजीत चौधरी ने सबसे पहले 53 हाई रिस्क और 426 कम रिस्क वाले लोगों की पहचान कराई। जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखे उन्हें स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रखा गया। यहां पर सैकड़ों लोगों को तत्काल क्वारंटाइन किया गया। रातोंरात इस्लामपुर के बाजार क्षेत्र को बैरिकेडिंग के जरिये बंद कर दिया गया। प्रशासन ने रात में ही पूरे इलाके को बंद करके सैनिटाइजेशन शुरू कर दिया।
2. प्रशासन ने कोरोना की रोकथाम के लिए डिस्ट्रिक्ट रैपिड रिस्पॉन्स टीम भी बनाई। इस टीम ने इस्लामपुर क्षेत्र में संक्रमित पाए गए लोगों की पहचान शुरू की। पॉजिटिव पाए गए लोगों के घर के आसपास एक किमी की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया। इनके आने जाने के लिए एक ही प्वाइंट निर्धारित किया गया। इस क्षेत्र में 1,608 परिवारों में 7,600 लोग रह रहे हैं।
3. प्रशासन ने यहां पर राशन, दूध, सब्जी आदि की सप्लाई व्यवस्था सुचारु की, लेकिन मेडिकल इमरजेंसी पर पहले पुलिस स्टेशन में संपर्क करने के लिए कहा गया। बफर जोन में एक परिवार से सिर्फ एक ही सदस्य को जरूरी सामान की खरीददारी की अनुमति दी गई।
4. जोन से बाहर आने वाले हर वाहन को डिस इंफेक्टेड किया जाने लगा। लोगों को जानकारी के लिए एक बुकलेट भी बांटी गई। पूरे इलाके में पुलिस ने सख्ती बरती।
5. क्षेत्र में मरीजों की पहचान के लिए सांगली के सिविल सर्जन डॉ. संजय सलुंखे ने अपनी टीम के साथ काम शुरू किया। यहां पर 31 हेल्थ स्क्वाड बनाए गए। हेल्थ वर्कर्स ने इस्लामपुर के हर घर-घर जाकर लोगों से जरूरी जानकारी जुटाई।
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