इसरो ने लांच किया पहला नेविगेशन सैटेलाइट, जानें क्या है इसकी खासियत

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सुबह 4 बजकर 4 मिनट पर अपना नेविगेशन उपग्रह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से INRSS-1 लांच कर दिया।
बता दें कि इस उपग्रह को आईआरएनएसएस-1एच की जगह पर छोड़ा गया है। आईआरएनएसएस-1एच को पिछले साल, 31 अगस्त को लॉन्च किया गया, जो असफल हो गया था। आईआरएनएसएस -1आई 1420 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
लॉन्चिंग के बाद यह सफलतापूर्वक अपने ऑर्बिट में भी पहुंच गया है। यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से पीएसएलवी-सी41 के माध्यम से की गई। इस तरह के उपग्रह एक समूह का हिस्सा होंगे। इसका वजन 1425 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 1.58 मीटर है। जबकि, ऊंचाई और चौड़ाई 1.5 मीटर है। इस उपग्रह के जरिए नेविगेशन के क्षेत्र में मदद मिलेगी। साथ ही इससे समुद्री नेविगेशन के साथ ही मैप और सैन्य क्षेत्र को भी मदद मिलेगी।
इसी उपग्रह की जगह उपग्रह भेजने के तहत यह लॉन्चिंग इसरो का दूसरा प्रयास था जो सफल रहा। इससे पहले पिछले वर्ष अगस्त में प्रक्षेपण अभियान विफल हो गया था। पीएसएलवी से भेजा गया आईआरएनएसएस-1एच उपग्रह का हीट शील्ड अलग नहीं हो पाया था।
सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो के चेयरमैन के सिवान ने इसे सफल लांच करार दिया और इस पर काम कर रहे साइंटिस्ट्स को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईआरएनएसएस-1आई निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हुआ। ये सातों नौवहन उपग्रहों के समूह का हिस्सा हैं।
माननीय मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ जी ने इस सफल लांचिग पर सभी देशवासियों व वैज्ञानिकों को बधाई भी दी।
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