जब अपने ड्राइवर के ‘ड्राइवर’ बने ये अधिकारी, इस तरह की रिटायरमेंट के बाद विदाई

अपने से छोटे कर्मचारी को बड़ा पद देकर सम्मानित करना ही एक अच्छे अधिकारी की पहचान होती है और ऐसा ही कुछ कर्नाटक में एक डीएम ने अपने ड्राइवर को कुछ इस तरीके से सेवानिवृत्ति की विदाई दी कि वह जिंदगी भर के लिए यादगार पल बन गया।

कर्नाटक के कुरूर जिले के कलेक्टर ने अपने ड्राइवर को नायाब तोहफा दिया। दरअसल, कई वर्षों की सेवा के बाद जब उनका ड्राइवर रिटायर हुआ तो खुद कलेक्टर साहब उसके ड्राइवर बने और उन्हें घर तक विदा करने गए। कर्नाटक में ड्राइवर को सम्मान के साथ कार की पिछली सीट पर बैठाकर ड्राइवर की सीट पर कलेक्टर साहब जब बैठे, तब लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। हो भी क्यों न, आखिर ऐसी उल्टी गंगा बहते हुए किसने देखा है। दरअसल, कलेक्टर साहब अपने ड्राइवर के रिटायरमेंट को यादगार बनाना चाहते थे। उस ड्राइवर के लिए भी यह कोई कम बड़ी बात नहीं थी। 

करूर जिले के रहने वाले परामासिवम 30 अप्रैल 2018 को रिटायर हो गए। उन्होंने अपने 35 साल के कार्यकाल में करीब 8 कलेक्टर और कई अन्य नौकरशाहों की गाड़ियां चलाईं। मगर, रिटायरमेंट के दिन उन्हें अधिकारी की तरह विदाई देने का जिम्मा कलेक्टर टी. अन्बाझगन ने उठाया और वह अपने ड्राइवर के ड्राइवर बन गए। इससे पहले अन्बाझगन ने 29 अप्रैल के दिन अपने सरकारी ड्राइवर परामासिवम के रिटायर पर पूरे ऑफिस को पार्टी दी। इसके बाद उन्होंने रिटायरमेंट के दिन परामासिवम और उनकी पत्नी के लिए खुद कार का दरवाजा खोला और उन्हें खुद कार चलाकर उनके घर तक छोड़ा।

बता दें ऐसा वाकया पहली बार सामने नहीं आया है इससे पहले बिहार के मुंगेर और महाराष्ट्र से भी इस तरह की बातें सामने आ चुकी हैं, जब कलेक्टर साहब अपने ही ड्राइवर के ड्राइवर बनकर सामने आए और उनकी वर्षों की सेवा का सम्मान किया।

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