भारतीय रेल ने दिखाया ये बड़ा कारनामा, हादसों को रोकने में मिलेगी कामयाबी

भारतीय रेल अब मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त हो गया है। रेलवे की मुख्य लाइन यानी गेज पर अब एक भी रेलवे फाटक ऐसा नहीं है जो मानवरहित हो। ये कदम रेलवे ने लगातार बढ़ रही रेल दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर बनाया है।
बीते एक साल में रेलवे ने देश भर में 3500 मानवरहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म किया है। रेलवे के मुताबिक अनमैन्ड लेवल क्रॉसिंग को हटाने के लिए उसने मुख्य रूप से चार तरीके अपनाए हैं। सबसे पहले ऐसे फाटक बंद कर दिए गए जहां से कम गाड़ियां गुजरती थी, इसके अलावा कई जगहों पर एक लेवल क्रॉसिंग को बंद कर के सड़क बनाकर दूसरे से जोड़ दिया गया। कई जगह सबवे, रोड या अंडर ब्रिज़ बनाए गए और मानव रहित फाटक पर गार्ड की तैनाती की गई। अब केवल एक मानवरहित क्रासिंग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद डिविज़न में बची है, जहां स्थानीय प्रशासन से इसे हटाने की अनुमति नहीं दी है लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में ये भी हो जाएगा।
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2019 तक का था लक्ष्य
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने साल 2018-19 के दिसंबर तक रेलवे के सारे मानवरहित क्रासिंग को ख़त्म करने का लक्ष्य रखा था जिससे इससे संबंधित रेल दुर्घटनाएं न हों। 2014 में रेलवे के ब्राड गेज पर क़रीब 5500 मानव रहित क्रॉसिंग थे। साल 2013-14 में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर 118 हादसे हुए थे जबकि साल 2017-18 में यह घटकर 20 रह गया था। वहीं इस साल अब तक महज़ 3 हादसे मानवरहित क्रासिंग पर हुए हैं।
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