कैंसर पीड़ितों को ऐसे मिलती है आर्थिक मदद, जानें कैसे करें आवेदन

कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही सभी के अंदर डर पैदा हो जाता है। बीमारी को लेकर डर के साथ ही इसके इलाज का भी भय रहता है। यह बात सही है कि इसके इलाज पर अधिक खर्च होता है, लेकिन कैंसर के मरीजों को राहत देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। जिनका लाभ उठाकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज करके जंग जीती जा सकती है। आपको बताते हैं कि कैंसर पीड़ितों के लिए केंद्र व राज्य सरकार क्या-क्या कदम उठा रही है।  

केंद्र सरकार की योजनाएं

आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सरकार ऐसे मरीजों को लाभ देने के लिए लाभ दे रही है। केंद्र सरकार 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को लाभ दे रही है। सरकार इस योजना के अंतर्गत माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर देखभाल के लिए 5 लाख रुपये का कवरेज दे रही है। 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष

वर्ष 1948 में स्थापति किए गए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत कैंसर से पीड़ित मरीजों को लाभ दिया जाता है। इसका प्रयोग मुख्यतया बाढ़, चक्रवात और भूकंप आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस राहत कोष के तहत हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी दिया जाता है।

राष्ट्रीय आरोग्य निधि

कैंसर जैसी बीमारी का इलाज के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राष्ट्रीय आरोग्य निधि का गठन 1997 किया गया। इस निधि का प्रयोग गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले रोगियों को आर्थिक सहायता दी जाती है। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जो जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं। पीड़ितों को सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों और संस्थानों में उपचार की व्यवस्था की गई है। ऐसे रोगियों को वित्तीय सहायता एक मुश्त अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। यह राशि उस अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को प्रेषित की जाती है जिसमें रोगी का इलाज चल रहा हो।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विवेकाधीन अनुदान  (एचएमडीजी)

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री विवेकाधीन अनुदान के तहत मरीजों को भी आर्थिक सहायता दी जाती है। इसमें सरकारी अस्‍पताल में भर्ती होने पर उपचार के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। ऐसे लोग जिनकी वार्षिक परिवारिक आय 1,00,000  रूपए और उससे कम है। उन लोगों को नि:शुल्‍क चिकित्‍सा सुविधाएं उपलब्‍ध नहीं है।

केन्द्रीय सरकार स्वास्थ योजना (सी.जी.एच.एस)

केन्द्रीय सरकार स्वास्थ योजना (सी.जी.एच.एस) के तहत केन्द्रीय सरकार के सेवानिवृत कर्मचारियों और उनके अश्रितों को इस योजना के तहत लाभ दिया जाता है। सी.जी.एच.एस. लाभार्थियों को बेहतर कैंसर के इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए हैदराबाद व दिल्ली में विशेष सुविधा दी जाती है। देश के 10 निजी अस्पतालों में खास कर विशेष रूप से टाटा मेमोरयिल अस्पताल की दरों पर कैंसर सर्जरी का अनुदान दिया जाता है। 

रेलवे किराये में मिलती है रियायत 

कैंसर पीड़ित मरीज व उसके सहायक को रेलवे की ओर से रियायत दी जाती है। रेलवे की तरफ से दी जाने वाली रियायत में मरीज मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं। इसक अलावा सहायक को द्वितीय श्रेणी में महज 25 प्रतिशत भुगतान ही करना पड़ता है। यह छूट कैंसर अस्पताल या फिर संस्थान तक जाने और वापस आने के लिए दी जाती है। इसके लिए अलग से फार्म भरन होता है।  

हवाईयात्रा में छूट 

कैंसर रोगी को हवाईयात्रा में भी रियासत दी जाती है। पीड़ित मरीज को हवाई यात्रा में मेडिकल चेकप व उपाचार के लिए यात्रा करने पर मूल किराये में 50 प्रतिशत छूट दी जाती है। इसका लाभ पाने के लिए व्यक्ति के पास संस्थान या अस्पताल की तरफ से जारी प्रमाण पत्र होना चाहिए।  

मुख्यमंत्री राहत कोष

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की तरह ही राज्यों में भी मुख्यमंत्री राहत कोष स्थापित किया गया है। इस कोष के तहत बाढ़, सूखा, आग दुर्घटना जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित व्यक्ति को लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही कैंसर, ह्दय शल्य चिकित्सा एवं गुर्दा प्रत्यारोपण के इलाज हेतु वित्तीय सहायता भी दी जाती है। बीमारी के लिए असम, मेघालय और नागालैंड राज्य में इस कोष के तहत राशि नहीं दी जाती है। इसके अलावा अन्य सभी राज्यों में राहत कोष से मरीजों को राशि दी जा रही है। 

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