कश्मीर में भारतीय सेना ने चलाया 'स्कूल चलो' ऑपरेशन, मुफ्त पढ़ाते हैं सैनिक
कश्मीर में तैनात भारतीय सेना को लेकर लोगों में अलग- अलग छवि है। हालांकि लगभग पूरा देश उनको सम्मान की नजर से देखता है लेकिन कुछ अलगाववादी संगठन और कुछ गुट सेना पर आरोप लगाते रहते हैं। ये लोग सेना को तानाशाह, बलात्कारी और न जाने क्या-क्या कहने से परहेज नहीं करते... उन लोगों को जवाब है सेना का यह कार्य।
आपको बता दें भारतीय थल सेना ने कश्मीर घाटी में एक अनोखी मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम के तहत सेना के जवान कश्मीर के बच्चों को पढाई तथा खेल कूद के लिए प्रेरित करते है। ‘स्कूल चलो’ नामक इस मुहिम में बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है।
'छयम न जरूरत दौलत-ओ-रुआब, फकत गौच्छुम स्कूल ते किताब' इन कश्मीरी शब्दों का मतलब है- 'न मुझे दौलत चाहिए, न शोहरत, मुझे सिर्फ मेरा स्कूल और किताब चाहिए।' इस नारे के साथ भारतीय सेना के जवान अपने इस मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं।
अभी हाल के दिनों में जिस तरह घाटी में स्कूलों को निशाना बनाकर जलाया जा रहा है, ऐसे में सेना का यह कदम बेहद प्रशंसनीय है। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले 4 महीनों में करीब 32 स्कूलों को आग के हवाले कर दिया गया है।
पिता की हैसियत से देते हैं शिक्षा
स्कूल चलो अभियान में सेना के अधिकारी बच्चों को एक पिता की हैसियत से शिक्षा दे रहे हैं। जवानों का कहना है यह अभियान रुकने वाला नहीं है, चाहे इसके लिए बंद पड़े स्कूलों को क्यों न खुलवाना पड़े। वहीं मेजर जनरल अशोक नरूला के मुताबिक पहलगाम में सेना के गुडविल स्कूल में 292 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इस मुहिम को शुरू करने का ख्याल मेजर जनरल अशोक नरूला को तब आया जब उन्होंने स्थानीय लोगों से बात की और जाना कि वे अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर सबसे ज्यादा परेशान है।
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