जैविक खाद्यान्न उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर-1

आजकल जिस तरह से खेती में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे हमारी सेहत को काफी नुकसान होता है इसलिए अब देश के किसान जैविक खेती की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। भारत में इस समय 160 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर किसान जैविक खेती कर रहे हैं। विश्व जैविक कृषि रिपोर्ट 2018 के अनुसार, दुनिया में जैविक उत्पादन के मामले में भारत सबसे आगे है।
जैविक खेती की शुरुआत 20वीं सदी की शुरुआत में हुई थी और यह हमेशा से बदलती कृषि का एक हिस्सा रही है। इसमें प्राकृतिक तरीके से बनाए गए उर्वरकों जैसे गोबर, गो मूत्र, मानव मल, सड़ी हुई सब्जियों आदि का इस्तेमाल होता है।यहां 835,000 प्रमाणित जैविक उत्पादक हैं। ये विश्व का 30 फीसदी से ज्यादा है। पूरी दुनिया में 27 लाख जैविक उत्पादक हैं जिनमें युगांडा 210,352 उत्पादकों के साथ दूसरे व मेक्सिको 210,000 उत्पादकों के साथ तीसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट के 19वें संस्करण में दावा किया गया है कि जैविक कृषि क्षेत्र और उत्पादों की गुणवत्ता में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है। इस रिपोर्ट के लिए डाटा 178 देशों के रिसर्च इंस्टीट्यूट आॅफ आॅर्गेनिक एग्रीकल्चर, द स्टेट आॅफ सस्टेनेबल इनीशिएटिव व विश्व व्यापार केंद्र से लिया गया है।
जैविक उत्पादकों की संख्या में बढ़ोतरी का एक कारण ये है कि अब खेती में कई व्यवसायी भी रुचि दिखाने लगे हैं, वे खेती के नए और बढ़िया तरीके खोज रहे हैं, साथ ही वे लोगों व किसानों को जैविक खेती से होने वाले फायदों के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं।
हालांकि जब जैविक खेती के लिए प्रमाणीकृत जमीन की बात आती है तो इसमें भारत का कुल खेती वाली जमीन का 2.59 फीसदी हिस्सा ही आता है यानि कि 1.5 मिलियन हेक्टेयर जबकि भारत में कुल 57.8 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती होती है।
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